शब-ए-बारात की रात में जागकर इबादत की जाती है
शाबान महीने की 15वी रात को यह मनाई जाती है
मुस्लिम भाई इस रात मस्जिदों पर रौशनी करते हैं
इसके 15 दिन बाद रमजान का महीना आता है
अपने गुनाहों की माफी इस रात में मांगी जाती है
चार लोगों को अल्लाह इस रात भी माफ नहीं करते हैं
मां बाप से जिस मुस्लिम भाई का झगड़ा चल रहा हो
वे लोग जिन्होंने रिश्तेदारों को दुख पहुंचाया हो
दिल में दूसरे के लिए नफरत रखने वाले मुस्लिम
दूसरे इंसान का दिल दुखाने वाले लोग