सुन्नी मुसलमानों के लिए हनफी कानून है,

शिया मुसलमानों के लिए इस्ना अशरी कानून है

इनकी शादियां भी इन्‍हीं कानूनों के तहत होती हैं

शिया और सुन्नी मुस्लिमों में शादी की अलग मान्यताएं हैं।

अगर दोनों इस्‍लामी कानून को मानते हैं तो शादी हो सकती है।

हालांकि ज्‍यादातर मुसलमान अपने ही समुदाय में शादी करते हैं।

अगर दोनों अपने अपने कानून को मानते हैं।

तो शादी हो पाना संभव नहीं है।

लेकिन आज लोगों के विचार खुले हैं तो शादी कर लेते हैं।

लेकिन कुछ ही मामलों में ऐसा देखा गया है।