मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 11 अप्रेल को समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। हर साल फुले जयंती पर ऐच्छिक अवकाश दिया जाता था। मगर गहलोत सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आदेशों के अनुसार ममता भुपेश (महिला बाल विकास मंत्री), राष्ट्रीय फुले बिग्रेड सहित कई सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने पत्र लिखकर सार्वजनिक अवकाश की मांग की है।
ऐच्छिक अवकाश क्या होता है?
ऐच्छिक अवकाश को प्रतिबंधित अवकाश भी बोला जाता है। आपके मन में सवाल आ रहा होगा की यह ऐच्छिक या प्रतिबंधित अवकाश क्या होता है? और दोनों में क्या फर्क होता है? तो हम आपको बतादे की जिस प्रकार सार्वजनिक अवकाश होता है, जिसमें सभी की छुट्टी अनिवार्य होती है। उसी प्रकार ऐच्छिक अवकाश या प्रतिबंधित अवकाश जिसे अंग्रेजी में रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे कहा जाता है। उसमें छुट्टी तो होती है मगर अनिवार्य नहीं होती है। यह आपके संस्थान या आप जहां काम करते हो उन पर निर्भर करता है की आपको छुट्टी देना चाहे या नहीं। अब राज्य में सार्वजनिक अवकाश 30 और ऐच्छिक अवकाश की संख्या 20 हो गई है।
कैसे मनाया जा रहा है महात्मा फुले जयंती?
आज के दिन राजस्थान के सहीत कई और प्रदेशों में विविध प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होगा साथ ही फुले के प्रतिमा पर पुष्पांजलि होगी। वहीं राजस्थान के पूर्व डिप्टी सी.एम.सचिन पायलेट ने भी आज ही के दिन को चुना है अनशन के लिए। आपको बतादे की वसुंधरा सरकार के कथित घोटाले की जांच की मांग को यह अनशन किया जा रहा है।
जीवन परिचय
फुले का जन्म 11 अप्रेल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा में हुआ था। उनका जन्म फुलों का काम करने वाले परीवार में हुआ था। यही कारण था की उनका नाम फुले पड़ा। वह बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी तेज थे। मगर उनके रिश्तेदारों के उनके पिता के कान भरने के कारण उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा था। मगर उन्होनें हार नहीं मानी और 21 साल की उम्र में 7वी. कक्षा पास की थी।
समाज की बातो में न आकर फुले ने अपनी पत्नी को भी स्कूल भेजा। वहीं अपनी पत्नी के साथ मिलकर भारत में लड़कियों के लिए सन् 1848 में पहला स्कूल खोला। बादमें 24 सितंबर, 1873 में ज्योतिबा फुले ने "सत्य शोधक समाज" नामक एक संस्था की स्थापना की थी। जिसके अंतर्गत निची जातियों के उत्थान यानि विकास का कार्य किया जाता था। फुले के समाज के प्रति यही सक्रियता देख कर उन्हें 1888 में मुंबाई में एक विशाल जन सभा में उस समय के प्रसिद्ध समाजसेवी राव बहादुर विट्टलराव कृष्णाजी वान्देकर ने उन्हें "महात्मा" की उपाधी दी थी।
Naresh Meena News : जयपुर। समरावता थप्पड़ कांड के साथ पूरे देश में नरेश मीणा…
Naresh Meena News : देवली-उनियारा। नरेश मीणा राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाने का दम…
Naresh Meena News : जयपुर। राजस्थान उपचुनाव की मतगणना शनिवार सुबह 8 बजे थ्री लेयर…
Naresh Meena News : जयपुर। राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव का…
Jaipur News : जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) के निर्देश पर…
Madan Rathore News : जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) आज (गुरूवार) श्रीगंगानगर…