हिंदुओ पर अत्याचार और उनकी आस्थाओं के साथ खिलवाड़ दुनियाभर के कई देशों में हो रहा है। लेकिन भारत का पड़ोसी मुस्लिम देश पाकिस्तान इन सबमें काफी आगे निकल चुका है। पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों में हिंदू समुदाय शामिल है। हिंदू समुदाय में पेड़ों की पूजा की जाती है, लेकिन पाकिस्तान में एक ऐसा पेड़ है, जो हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है और बीते 113 सालों से जंजीरों में कैद है। यह तब से कैद है जब पाकिस्तान भी भारत का हिस्सा हुआ करता था।
नशे में धुत अंग्रेज ने पेड़ को किया गिरफ्तार
पाकिस्तान के लांडी कोटल आर्मी में लगे हुये इस पेड़ की कहानी भी दिलचस्प है। किस्सा सन 1898 का है, जब भारत में अंग्रेजों का शासन हुआ करता था। उस समय एक अंग्रेज जेलर (British officer James Squad) ने पेड़ को गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया और वह आदेश आज तक निभाया जा रहा है।
बताया जाता है कि वह अंग्रेज अफसर नशे में धुत होकर पार्क में घूम रहा था। ऐसे में घूमते-घूमते उनके रास्ते में 'बरगद का पेड़' आया। उसे देखकर अफसर को लगा कि पेड़ उनकी तरफ आ रहा है। विशाल पेड़ को अपनी तरफ आता देख अंग्रेज अफसर बुरी तरह घबरा गया और पेड़ को गिरफ्तार करने का फरमान जारी कर दिया। बस फिर क्या था सैनिकों ने अफसर का आदेश मानते हुए पेड़ को जंजीरों से बांध दिया, जो आज तक उसी हालत में बंधा है।
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अंग्रेजी क्रूरता की याद दिलाता बरगद का पेड़
समय गुजर गया। एक देश कई टुकड़ों में बंट गया। भारत-पाकिस्तान के रूप में एक लोकतांत्रिक देश को बांट दिया गया लेकिन उस अभागे बरगद के पेड़ को आज तक जंजीरों से मुक्ति नहीं मिली। आज यह पेड़ पाकिस्तान के हिस्से में आता है और यह जगह अब पर्यटन स्थल है। पेड़ पर एक तख्ती लटकाई गई है, जिस पर लिखा है ‘I am Under arrest’. यह पेड़ अंग्रेजी हुकूमत के काले कानून और उनकी क्रूरता की याद दिलाता है।