Ram-Sita Postage Stamp Nepal: भारत का पड़ोसी मित्र देश नेपाल माता सीता का जन्मस्थान बताया जाता है। ऐसे में जब भारत में स्तिथ अयोध्या नगरी में प्रभु श्री राम कई वर्षों बाद भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे है और माता सीता की चर्चा न हो, ऐसे कैसे हो सकता है। भारत समेत दुनियाभर के तमाम हिंदू लोग और प्रभु श्री राम में आस्था रखने वाले लोग 'रामलला' की भक्ति में डूबे है। नेपाल में स्तिथ माता सीता के जानकी मंदिर में भी उत्साह बना हुआ है।
जानकी मंदिर में तोड़े गए धनुष के अवशेष
जानकी मंदिर नेपाल के काठमांडू शहर से लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण राजपुताना महारानी वृषभभानु कुमारी ने 1911 ईस्वी में करवाया था। इस मंदिर में आज भी सीता स्वयंवर के दौरान भगवान राम द्वारा तोड़े गए धनुष के अवशेष मौजूद बताए जाते है।
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54 साल से चल रहा जाप तथा अखंड कीर्तन
इस मंदिर में 54 साल से लगातार भगवान राम और माता सीता का जाप तथा अखंड कीर्तन चल रहा है। 22 जनवरी को जब रामलला की भव्य मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा होगी तो नेपाल का यह जानकी मंदिर भी जश्न के सरोबर में डूबा हुआ नजर आने वाला है। नेपाल और भारत का रिश्ता रामायण काल से अटूट रहा है।
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57 साल पुराना श्रीराम-सीता का डाक टिकट
इसी बीच नेपाल में 57 साल पुराना एक डाक टिकट मिला है। इस डाक टिकट पर श्रीरामऔर माता सीता का चित्र बना हुआ है। इस टिकट को रामनवमी के अवसर पर 18 अप्रेल 1967 को जारी किया गया था। संयोग से इस टिकट पर 2024 लिखा है, ऐसे में यह राम मंदिर निर्माण के दौरान चर्चाओं में है। दरअसल, टिकट पर विक्रम संवत के अनुसार साल का जिक्र हुआ है। 1967 को विक्रम संवत के अनुसार 2024 माना गया है।