विभाजन की वजह बनते हैं राजनीतिक दल
तालिबान ने बैन किए 70 राजनीतिक दल
अफगानिस्तान में एक साथ 70 राजनीतिक दलों को बैन करने से वहां की सियासय उबाल पर है। दरअसल तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान में राजनीतिक दलों के कारण परेशानियां हो रही है, वहां पर शरिया कानून ही उनके जीवन का आधार है। शरिया कानून के आधार पर राजनीति करना संभव नहीं है। इसलिए राजनीतिक दलों को बैन किया गया है।
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विभाजन की वजह बनते हैं राजनीतिक दल
तालिबान का कहना है कि राजनीतिक दल कभी भी किसी देश के विकास के लिए सही नहीं है। साथ ही यह भी कहा कि राजनीतिक दलों की वजह से विभाजन की भावना बढ़ती है। वहीं अफगानिस्तान के मिनिस्टर ऑफ जस्टिस अब्दुल हकीम शरेई ने भी बयान देकर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। 16 अगस्त को हकीम शरेई ने बयान देते हुए कहा कि ‘मुस्लिमों के लिए बना शरिया कानून ही उनके जीवन का आधार होता है। इस कानून में पॉलिटिकल पार्टीज का कोई वजूद नहीं है। इसलिए अफगानिस्तान में राजनीतिक दलों के संचालन के लिए शरिया आधार नहीं हो सकता है।’
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तालिबान ने बैन किए 70 राजनीतिक दल
15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान ने वापसी के 2 साल को पूरा किया है। इस मौके पर शा-इख मौलवी ने अपने मंत्रालय की रिपोर्ट पेश की। इसके एक दिन बाद ही तालिबान ने यह कहकर एकसाथ 70 राजनीतिक दलों को बैन कर दिया है कि ये राजनीतिक दल ये शरिया (इस्लामिक) कानून के खिलाफ है। तालिबान सरकार के अंतरिम न्याय मंत्री शा-इख मौलवी ने कहा कि देश में राजनीतिक दलों की गतिविधियां पूरी तरह से बंद कर दी गई है।