अमेरिका यूं तो अपनी ताकत का हर जगह फायदा उठाता आया है, फिर भी कभी कभी इसे मानना आसान नहीं होता। मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब अमेरिका ने अपने परमाणु हथियारों की जानकारी सार्वजनिक की। जानकारी देते हुए यहां के स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि उनके पास 1419 डिप्लॉएड परमाणु हथियार रखे गए हैं। यह जानकारी अमेरिका और रूस के बीच में अमेरिका ने मंगलवार को अपने परमाणु हथियारों की जानकारी सार्वजनिक की है।
वहां के स्टेट डिपार्टमेंट ने बताया कि उनके पास कुल 1419 डिप्लॉएड परमाणु हथियार हैं। ये जानकारी अमेरिका ने मंगलवार को अपने परमाणु हथियारों की जानकारी सार्वजनिक की है। वहां के स्टेट डिपार्टमेंट ने बताया कि उनके पास कुल 1419 डिप्लॉएड परमाणु हथियार हैं। ये जानकारी अमेरिका की रूस के साथ 2011 में हुई न्यू स्टार्ट ट्रीटी के तहत सार्वजनिक की गई।
रूस ने काटी कन्नी
अमेरिका और रूस के बीच हुए न्यू स्टार्ट ट्रीटी समझौते के तहत दोनों देशों को इस बारे में जानकारी देनी थी। जिससे बचते हुए रूस ने कहा है कि उसने इसे पहले ही सस्पेंड कर दिया है। पुतिन की ओर से तो अमेरिका पर यहां तक आरोप लगाया गया है कि अमेरिका इस जानकारी का गलत इस्तेमाल करेगा। जिसमें रूस और यूक्रेन का होने वाला युद्ध भी है। इसलिए ही वो रूस पर परमाणु हथियारों की सारी जानकारी देने के लिए दबाव बना रहा है।
अमेरिका का पलटवार रूस छिपा रहा जानकारी
अमेरिका का कहना है कि ने रूस की ओर से ट्रीटी का उल्लंघन किया जा रहा है। यह जानकारी वो परमाणु हथियारों की जानकारी छिपाने के लिए नहीं दे रहा।
सच या झूठ अमेरिका ही जाने
अमेरिका ने एक ओर तो अपनी ओर से पूरी जानकारी दे दी है कि उसके पास 662 इंटरकॉन्टिनेंटल, हैवी बॉम्बर्स, सबमरीन बैलिस्टिक मिसाइल हैं। जो पिछले साल से कम हो गए हैं। अमेरिका का कहना है कि उसके पास वर्तमान में 1419 डिप्लॉएड परमाणु हथियार हैं। ट्रीटी में मिली जानकारी की मानें तो पिछले साल यह संख्या 1515 थी। रूस के पास पिछले साल 1474 डिप्लॉएड परमाणु हथियार मौजूद थे। अमेरिका की यह संख्या रूस से भी कम है। इस ट्रीटी के मुताबिक यह संख्या 1550 तक होनी चाहिए। दोनों के तय मापदण्डों के हिसाब से वे अपने पास 1550 से ज्यादा परमाणु हथियार और 700 से ज्यादा स्ट्रैटेजिक लॉन्चर नहीं रख सकते हैं। रूस और अमेरिका के बीच 5 फरवरी 2011 को न्यू स्टार्ट ट्रीटी लागू हुई थी।