दुनियाभर में जहां एक दूसरे से आगे निकलने की दौड़ में कई देशों में घमासान युद्ध छिड़ा हुआ है। रूस और यूक्रेन का युद्ध इसमें पहले नंबर पर है। वहीं सूड़ान में शुरू हुआ गृह युद्ध भी हर दिन बढ़ता जा रहा है। दूसरी ओर भारत और चीन में या भारत और पाकिस्तान में भी हर थोड़े दिनों में किसी न किसी घटना की खबर आती रहती है। जिनके कारण दुनियाभर में सेना और रक्षा को लेकर खर्च हर दिन तेजी से बढ़ रहा है। इसी खर्च को लेकर एसआईपीआरआई की एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल में रक्षा 3.7 फीसदी रक्षा खर्च बढ़ गया है।
रूस यूक्रेन का युद्ध है कारण
दुनिया के कई देशों में तो 2022 में देश की सेनाओं पर 2240 अरब डॉलर का खर्च किया गया था। सैन्य खर्च में होने वाला यह अब तक का उच्च खर्च कहा जा सकता है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से दी गई रिपोर्ट की मानें तो इस साल की वैश्विक जीडीपी के मुकाबले रक्षा खर्च में करीब 4 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी। सिर्फ यूरोप में रक्षा खर्च में 13 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई थी। यह पिछले 30 सालों में सबसे ज्यादा है। बढ़े हुए सैन्य खर्च के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। युद्ध में यूक्रेन का सैन्य खर्च छह गुना बढ़कर 44 अरब डॉलर पहुंच गया है। यह जीडीपी का 34 फीसदी के बराबर है। अमेरिका ने 2022 में 877 अरब डॉलर खर्च किए थे।
ये देश है टाॅप पर
दुनिया में धाक उसी की कायम रहती है जिसकी सेना सबसे ताकतवर होती है। इस लिए अपनी सेना को मजबूत रखने के लिए कुछ देश करोड़ नहीं लाख करोड़ में हर साल खर्च कर रहे हैं। इनमें पहले नंबर पर है अमेरिका जो 71 लाख करोड़ रुपये रक्षा पर खर्च कर रहा है। यह भारत से दस गुना से भी ज्यादा खर्च रक्षा पर कर रहा है। इसके बाद है चीन जो 23 लाख करोड़ खर्च कर रहा है। तीसरे नंबर पर है रूस 7 लाख करोड़ खर्च कर रहा है। इसके बाद आता है हमारा भारत जो रक्षा के लिए 6 लाख करोड़ रुपये हर साल खर्च कर रहा है। पांचवे नंबर पर सउदी अरब 5.8 लाख करोड़ खर्च कर रहा है। वही एक ऐसा देश है जिसने रक्षा खर्च पर 16 प्रतिशत का इजाफा किया है।
जाने सुरक्षा खर्च में भारत का नंबर
भारत रक्षा के लिए हर दिन कई नए कदम उठा रहा है। इसके लिए देश कई रक्षा उपकरण खरीद कर और रक्षा सौदे कर देश की रक्षा को मजबूत बना रहा है।भारत की ओर से रक्षा के लिए 6 लाख करोड़ रुपये का खर्च किया गया है। जो एक वर्ष में ही 6 प्रतिशत बढ़ा है।