जयपुर। Chimps Eating Disease Ridden Bat Feces : वैज्ञानिकों ने दुनिया में एकबार फिर से कोरोना वायरस (Corona Virus) जैसी महामारी फैलने की भविष्यवाणी की है। दरअसल, चिम्पांजी बंदर बीमार चमगादड़ों का मल खा रहे हैं क्योंकि अत्यधिक खेती से अफ्रीका में खाद्य स्रोत नष्ट हो रहे हैं। इसको लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बंदरों द्वारा ऐसा करना अगली महामारी शुरू कर सकता है। यह घटना संरक्षित युगांडा के जंगल में देखी गई जहां चिंपैंजी अत्यधिक खेती के कारण बीमारी से ग्रस्त चमगादड़ का मल खाने को मजबूर हो रहे हैं। वैज्ञानिकों ने देखा कि चिंपाजी, बंदर और मृग दो वर्षों के दौरान गुआनो का सेवन करते हैं जो कि पहली बार जंगल में देखा गया है।
दरअसल, अफ्रीका में तम्बाकू की खेती (Tobacco Farming) की वजह से बड़े स्तर पर वनों की कटाई की गई है जिस वजह से जानवरों के सामान्य भोजन स्रोतों में से एक रैफिया पाम को नष्ट कर दिया है। विशेषज्ञों को संदेह है कि वे अब चमगादड़ के मल की ओर रुख कर रहे हैं क्योंकि यह कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो उन्हें ताड़ के पेड़ों से मिलता था।
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आपको बता दें कि चमगादड़ बीमारियाँ फैलाने के लिए कुख्यात हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और युगांडा के शोधकर्ताओं की टीम द्वारा गुआनो के विश्लेषण से पता चला कि इसमें एक कोरोनोवायरस सहित 27 अलग-अलग वायरस थे, जो पहले लोगों के लिए अज्ञात थे। शोधकर्ता अब चिंतित हैं कि सभी जानवरों में चमगादड़ जनित बीमारियाँ हो सकती हैं जिस वजह से इबोला और SARS-CoV-2 जैसे विनाशकारी प्रकोप हो सकते हैं। ये बीमारियां स्तनधारियों से मनुष्यों में फैलती हैं। एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दिखाया है कि युगांडा के बुडोंगो फॉरेस्ट रिजर्व में चिंपैंजी नियमित रूप से बैट गुआनो खा रहे हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया है 2017 से 2019 तक चिंपैंजी वानरों ने 71 अलग-अलग दिनों में कम से कम 92 बार गुआनो खाया इसमें बैट गुआनो खाने की पहली रिपोर्ट भी सामने आई। काले और सफेद कोलोबस बंदरों ने भी गुआनो को 65 बार खाया, और लाल डुइकर मृगों ने इसे 682 बार चाटा। जब शोध करने वाली टीम ने पहली बार चिम्पांजी को चमगादड़ का मल खाते हुए देखा, तो वे भयभीत और चिंतित हो गए। विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के एक पशु चिकित्सा महामारी विशेषज्ञ, प्रमुख शोधकर्ता टोनी गोल्डबर्ग ने बताया कि असामान्य कारकों के अलावा, हम सभी का विचार बिल्कुल एक जैसा था। ऐसे में अब बंदर चमगादड़ जनित भयानक वायरस के संपर्क में आ सकते हैं जिसके बाद यह बीमारी मनुष्यों में फैलकर भयानक महामारी का रूप ले सकती है।
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