90 दिन रहेगी पेरू में स्वास्थ्य इमरजेंसी
पेरू, दक्षिण अमेरिका में इन दिनों एक जानलेवा बीमारी ने लोगों और सरकार की नींद उड़ा दी हैं। इस बीमारी का नाम है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस)। कोविड 19 के बाद अब इस बीमारी के मामले भी देश विदेश में अचानक से बढ़ रहे हैं। पेरू में भी इसके मामले अचानक से बढ़ गए हैं। जिसे देखते हुए शनिवार को 90 दिनों की राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा भी सरकार की ओर से की गई।
एक रिपोर्ट के अनुसार पेरू में जून 2023 से 182 मामले आए। इसके रोगियों में से 4 की मौत भी हो गई है। अभी भी जीबीएस नाम की इस बीमारी के मरीजों की संख्या यहां असामान्य रूप से बढ़ रही है। हालांकि 147 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी भी मिली है। फिर भी 31 अस्पताल में है और चार की मौत हो गई है। पेरू में इस बीमारी को लेकर 27 जून को ही अलर्ट जारी कर दिया गया था।
गुइलेन-बैरी सिंड्रोम क्या है
यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर बताया जा रहा है। इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम हमारी तंत्रिकाओं पर ही हमला करने लगता है। जिससे हाथ, पैरों में झनझनाहट और कमजोरी आने लगती है। जो शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। इसके बढ़ते ही शरीर में लकवा मारने की संभावना भी रहती है। जिसका इलाज अस्पताल में ही संभव हो पा रहा है। अभी तक इसका कारण तो पता नहीं लग पाया है। फिर भी बताया जा रहा है कि कई रोगियों में पिछले कुछ सप्ताह में कोविड -19 और जीका वायरस के लक्षण पाए गए थे।
कैसे पहचाने गुइलेन-बैरी सिंड्रोम के लक्षणों को
इस बीमारी के लक्षणों में पैर की उंगलियों, कलाई और चेहरे में झनझनाहट महसूस होती है।
मरीज को चलने में कमजोरी और सीढ़ियां चढ़ने में भी परेशानी होने लगती है।
बीमारी के बढ़ने पर चेहरा हिलाने, खाने, निगलने में ही नहीं बोलने में भी दिक्कत होना शुरू हो जाती है।