हाल ही दिल्ली में हुए G20 समिट में इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की योजना घोषित की गई। इस योजना में 8 देशों का सक्रिय सहयोग रहेगा जिसका फायदा भारत, अमरीका, इजरायल, जॉर्डन तथा सऊदी अरब, सहित पूरे यूरोप को होगा। आइए जानते हैं कि यह प्रोजेक्ट क्या है और किस तरह दुनिया के लिए फायदेमंद होगा।
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क्या है इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर
इस कॉरिडोर को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के विकल्प के रूप में लाया जा रहा है। कुल 6000 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर भारत से यूरोप तक सीधी पहुंच बनाएगा। इसमें लगभग 3500 किलोमीटर समुद्री रास्ता भी शामिल होगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद भारत, सऊदी अरब, इजरायल सहित पूरा यूरोप आपस में जुड़ जाएंगे।
नए कॉरिडोर से होंगे ये फायदे
प्रस्तावित प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद भारत से यूरोप सीधे जुड़ सकेगा। इससे भारत से यूरोप के बीच यात्रा में लगने वाले समय में भी कुल 40 फीसदी समय की बचत होगी। उदाहरण के लिए वर्तमान में किसी भी सामान को भारत से जर्मनी तक पहुंचने में करीब 35 दिन लगते हैं जो नए कॉरि़डोर को बनने के बाद लगभग 15 दिन ही रह जाएंगे। इस तरह सामान को जल्दी पहुंचाया जा सकेगा और समय के साथ-साथ ईंधन की भी बचत होगी।
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पाकिस्तान के साथ संबंधों का असर नहीं होगा
इस प्रोजेक्ट के जरिए भारत यूरोप, अफ्रीका सहित अन्य देशों से बिना पाकिस्तान जाए जुड़ सकेगा। वर्तमान में पाकिस्तान से खराब संबंधों के चलते भारत की उन देशों तक सीधी पहुंच नहीं है परन्तु इस प्रोजेक्ट से यह बाधा दूर हो जाएगी।