सोने की लगातार बढ़ती कीमतों में सावरेन गोल्ड बॉन्ड्स दे रहा है अच्छा रिटर्न पिछले 8 माह में निवेशकों को शानदार रिटर्न मिला है विशेषज्ञों की माने तो अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता में वृद्धि के बीच और डॉलर में आई मंदी से सोने की कीमतों में भारी उछाल हुआ है ऐसे में मोदी सरकार की योजना ने अच्छा रिटर्न दिया है सरकार के इस गोल्ड ने वार्षिक आधार पर औसतन 13.7% का रिटर्न दिया है।
सावरेन गोल्ड बॉन्ड क्यों है मुनाफे का सौदा
सॉवरेन गोल्ड बांड सरकार द्वारा जारी किया गया है दूसरा फिजिकल बोर्ड की तुलना में इसे रखना अधिक सुरक्षित है इसकी शुद्धता पर कोई संदेह नहीं हो सकता क्योंकि यह आभासी इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध होता है। आपको बता दें इस पर 3 साल के बाद दीर्घकालिक लॉग टर्म कैपिटल गैन टैक्स लगेगा।
अमीर लोग पैसे को सॉवरेन गोल्ड लोन में लगाना अब अधिक पसंद कर रहे हैं क्योंकि 8 साल की मैच्योरिटी के बाद कैपिटल गेन टैक्स फ्री हो जाता है। इतना ही नहीं सरकार इस बांड की वैल्यू पर 2.50% का ब्याज भी देती है। ऐसे में यह मुनाफे का सौदा है। एक अनुमान के आधार पर अगर किसी निवेशक ने 2015 में 1 ग्राम सोने में ₹2684 का निवेश किया तो उसके उस बॉन्ड की कीमत ₹6017 हो गई। ऐसे में सोने नहीं कभी धोखा नहीं दिया इसलिए हमेशा निदेशकों को मालामाल किया है।
इतना ही नहीं विशेषज्ञों का मानना है कि 2023 के अंत तक सोना 63000 से 65000 के स्तर तक पहुंच सकता है। दूसरा डॉलर का डिडॉलराईजेशन भी सोने की कीमत को बढ़ाएगा। अमेरिका यूरोप के बाजार की आर्थिक मंदी डॉलर की कीमत को घटाएगी। वहीं भारत आर्थिक मंदी से अछूता रहेगा। इन सब का मिलाजुला प्रभाव सोने की कीमतों पर पड़ने वाला है ऐसे में सावरेन बॉन्ड में निवेश करना मुनाफे का सौदा है।