दुनिया

कुदरत का कहर Natural Disaster, दुनिया का सर्वनाश या फिर वैज्ञानिक कारण ?

Dubai me Barish ka Karan : इस धरती पर कुदरत ने हमें तरह-तरह की नियामतों से नवाज़ा है। इंसान अगर गौर करे तो कुदरत द्वारा दिए गए इन बेशकीमती तोहफो का हिसाब लगाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। प्रकृति ने मानव प्रजाति के लिए समस्त संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध करवाए हैं। ना तो कोई चीज ज्यादा है ना ही कोई चीज कम है। हवा पानी धरती आकाश पेड़ पौधे नदियां झील समंदर फल फूल सब्जी खेत खलिहान खनिज धातु इत्यादि सभी प्राकृतिक संपदाए मानव जीवन के लिए कुदरत के अनमोल ख़जाने हैं। लेकिन इंसानी लालच ने इन सभी कुदरती उपहारों का अंधाधुन दोहन करके इन्हें बर्बादी की कगार पर खड़ा कर दिया है। क्योंकि प्रकृति का नियम है कि वह अपना संतुलन बना ही लेती है। इसी वजह से लगातार जलवायु में परिवर्तन हो रहा है इकोलॉजिकल बैलेंस बिगड़ गया है। हाल ही में दुबई में हुई बेमौसम बारिश (Dubai me Barish ka Karan) ने इस बात पर मुहर लगा दी कि अब धरती पर अति हो चुकी है। कहीं भूकंप आ रहा है कहीं पर चक्रवाती तूफान आ रहा है कहीं पर सूखा पड़ रहा है। कुल मिलाकर हर तरफ कुदरत का कहर पृथ्वी पर किसी न किसी रूप में देखने को मिल रहा है।

यह भी पढ़ें : दुबई में आसमान से अजाब नाजिल हुआ, अचानक हुई बारिश में डूबा रेगिस्तान

इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

सवाल उठता है कि आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्योंकि पृथ्वी पर सबसे अक्लमंद प्रजाति इंसान की ही है। इंसान हर चीज को अपने काबू में कर सकता है प्रकृति की नायाब विरासतों का मजा ले सकता है। इसीलिए हम पशु पक्षियों को इसके लिए दोषी नहीं ठहरा सकते हैं। यानी सीधे शब्दों में कहें तो इस सारी तबाही के लिए समस्त मानव प्रजाति जिम्मेदार है। इसके लिए किसी एक देश को या एक धर्म या 1 संप्रदाय को या 1 महाद्वीप को उत्तरदाई नहीं ठहराया जा सकता है। यह समूची इंसानियत का कर्तव्य है कि वह प्रकृति के संतुलन को बनाए रखें और अपने लालच पर नियंत्रण रखें। इसका सीधा सा उदाहरण है ग्लोबल वार्मिंग, जिससे पूरी दुनिया इस समय झूंझ रही है। हर साल ग्लेशियर पिघल रहे हैं समुद्रों का जलस्तर बढ़ रहा है धीरे-धीरे हमारे शहर डूबते जा रहे हैं। गर्मी हर साल बढ़ती जा रही है।

तरक्की से प्रलय तक का सफर

हम लोगों ने टेक्नोलॉजी में तो बेहतरीन मकाम हासिल कर लिया है लेकिन उसके दुष्परिणामों को लेकर जरा भी परवाह नहीं करते हैं। फिर बात चाहे मोबाइल रेडिएशन की हो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की हो पेट्रोलियम वाहनों की हो प्रदूषण की हो या फिर नैतिक पतन की हो। हर क्षेत्र में मनुष्य ने अपने असीमित लालच और अहंकार के चलते विनाश की राह पकड़ ली है। किसी को कोई मतलब नहीं है कि धरती पर रहने लायक जीवन है या नहीं‌। हवा शुद्ध है या नहीं पानी शुद्ध है या नहीं। हम जो खाना खा रहे हैं सब्जी खा रहे हैं फल खा रहे हैं वह शुद्ध है या नहीं। बस सब को मुनाफा चाहिए उसके लिए भले ही हम किसी के जीवन को खतरे में डालें किसी को क्या पड़ी है। मिलावट के ज़हर का ही दुष्परिणाम है कि आजकल छोटे बच्चे से लेकर बड़े बूढ़ों तक हर आम आदमी को कैंसर जैसी बीमारी होने लग गई है जो पहले इक्का-दुक्का लोगों में देखी जाती थी वह अब आम बीमारी बन चुकी है। प्लास्टिक का हम हद से ज्यादा उपयोग कर रहे हैं कहीं ना कहीं वह भी इन सबके लिए जिम्मेदार है। हर तरफ प्लास्टिक का कचरा इतना ज्यादा हो गया है कि नदी झील समंदर धरती सभी प्लास्टिक से पनाह मांगते नज़र आ रहे हैं।

यह भी पढ़ें : मंगल ग्रह पर मिला एलियन स्पेस शिप का ढांचा, NASA के हेलीकॉप्टर ने ढूंढा

हम खुद क़यामत को न्योता दे रहे हैं

अगर हमें धरती पर रहना है तो उसे रहने लायक बनाने के लिए बहुत सारी कोशिशें करनी होगी। अपने लालच पर कंट्रोल रखना होगा प्राकृतिक संपदाओं के अंधाधुंध दोहन पर अंकुश लगाना होगा। प्राकृतिक आपदाएँ किस कदर बढ़ चुकी हैं कि आजकल बिना मौसम बारिश हो रही है कहीं चक्रवाती तूफान आ रहा है कई बिजली गिर रही है कहीं पर अकाल पड़ रहा है कहीं पर पीने के लिए मीठा पानी नहीं है कहीं पर धरती इतनी प्रदूषित हो गई है कि सब्जियां जहरीली पैदा हो रही है फलों को रासायनिक पदार्थों द्वारा पकाया जा रहा है। इन सब का आखरी नतीजा सामूहिक तबाही ही है। कहने का मतलब है कि हम खुद क़यामत को न्योता दे रहे हैं प्रलय को अपने घर बुला रहे हैं।

सीधा समाधान क्या है ?

बड़ी-बड़ी बातें तो बहुत हो गई लेकिन इसका एक सीधा सा समाधान भी है कि हम अपने आप से शुरू करें। जिस तरह हमने स्वच्छता अभियान को अपनाया है उसी तरह हमें अब पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए अपने घर से ही शुरुआत करनी होगी। हर व्यक्ति अगर अपनी ड्यूटी सही से निभाने लग जाए कुदरत के इन बेशकीमती तोहफो की कद्र करने लग जाए तो फिर स्थिति वापस से पलट भी सकती है। जो कुदरत आज हमें आसमानी आफतो से दहला रही है वही कल हमें अपने बेशुमार नियामतो से नहला भी सकती है। फैसला हमारे हाथ में है कि हमें विनाश चुनना है या विकास।

Morning News India

Recent Posts

CM Bhajanlal की इस चाल में फंस गए विरोधी! 5 सीटें जीत गई बीजेपी

CM Bhajanlal News : जयपुर। राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में भारतीय…

13 मिन ago

Rajendra Bhamboo ने ढहाया ओला परिवार का गढ़, अमित ओला को 42,848 वोटों से हराया

Jhunjhunu by-election : झुंझुनूं। झुंझुनूं विधानसभा सीट पर राजेंद्र भांबू ने 28 साल पुराना रिकॉड़…

24 घंटे ago

Naresh Meena को आज रिहा करेगी भजनलाल सरकार, इसके पीछे ये है वो बड़ा कारण

Naresh Meena News : एसडीएम को थप्पड़ जड़ने के मामले में नरेश मीणा टोंक जेल…

1 दिन ago

Rajasthan By Election Result Live : राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव परिणाम यहां देखें

Rajasthan By Election Result : जयपुर। राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को…

1 दिन ago

Naresh Meena से मिली MLA Indra Meena, घबराई टोंक कलेक्टर, ये खास इंतजाम किया

Naresh Meena News : जयपुर। समरावता थप्पड़ कांड के साथ पूरे देश में नरेश मीणा…

2 दिन ago

Naresh Meena की गुलामी करेंगीं बीजेपी- कांग्रेस, देवली उनियारा पर बदले समीकरण

Naresh Meena News : देवली-उनियारा। नरेश मीणा राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाने का दम…

2 दिन ago