Dubai Sharia Law : दुनिया का सबसे विलासिता वाला शहर दुबई अपने अजब गजब नियम कायदों के लिए भी सारी दुनिया में फेमस है। दूसरे खाड़ी देशों (Gulf Countries) के मुकाबले दुबई काफी लचीला देश माना जाता है। इस मुस्लिम देश में अन्य धर्मों को मानने वाले के साथ भी बराबरी (UAE Rules Regulations 2024) का बर्ताव किया जाता है। शरीया कानून (Dubai Sharia Law) जो कि सऊदी अरब में तो खूंखार है लेकिन दुबई में इतने लचीले क्यों हो जाते हैं। इसी बात पर हम आपको जानकारी देंगे।
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दुबई में शादी को लेकर कानून
(Dubai Wedding Law)
दुबई में शादी ब्याह को लेकर नया कानून क्रांतिकारी परिवर्तनन लेकर आया है। यानी अब दुबई में रहने वाली कोई गैर मुस्लिम लड़की 21 साल की उम्र में अपने पिता या परिवार की मर्जी के बगैर अपने पसंद के बंदे से निकाह कर सकती है। साथ ही दुबई में शादी से पहले जिस्मानी ताल्लुक (Dubai me Physical Relation) बनाना भी गलत नहीं है। सवाल है कि शरिया कानून के चलते ये कैसे संभव है।
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दुबई में शरीया कानून लचीला क्यों ?
दुबई में बड़ी तादाद में बाहरी लोग रहते हैं। इनमें एक बड़ी आबादी गैर मुस्लिमों की हैं जिनको ऐसे लचीले कानून की सख्त जरूरत है। ब्रिटेन और यूरोप के कई देशों में गैर ईसाई लोगों के लिए शादी (Dubai me Divroce Law) के ऐसे ही कायदे बने हुए हैं। अपनी उदार नीति के कारण ही दुबई दुनिया के मानचित्र पर सबसे प्रमुख बिजनेस हब बन कर उभरा है। केवल इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण नहीं, बल्कि दुबई ने लचीले कानून (UAE Federal Personal Status Law) के दम पर दुनिया को अपनी तरफ आकर्षित किया है। यही वजह है कि दुबई में सऊदी की तरह शरीयत वाला सख्त कानून नहीं है।
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पिता का नाम बताने की जरूरत नहीं
(Dubai me Physical Relation)
आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि इन कानूनों को कितना लचीला बनाया गया हैं। पहले Dubai में किसी बच्चे की जन्म सर्टिफिकेट के लिए शादी-शुदा होना या फिर मां और बाप की तरह से शपथ पत्र देना होता था। मगर अब इसके नियम (Dubai Mother’s Day 2024) बहुत लचीले कर दिए गए हैं। अब एक बिन ब्याही मां, जो बच्चे का पिता नाम नहीं बताना चाहती है वो भी होने वाले बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकती है। उससे कोई सवाल जवाब नहीं किया जाता है।