जकार्ता शहर रूपी जहाज धीरे-धीरे डूब रहा है जावा सागर में। इसी चिंता को देखते हुए राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कुछ साल पहले इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता से बोर्नियो आइलैंड ले जाने का फैसला किया। लेकिन फिर यह ठंडे बस्ते में चला गया। किंतु अब फिर से चर्चाओं के केंद्र में आ गया है।
आखिर क्यों?
ग्लोबल वार्मिंग, वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी का सबसे अधिक प्रभाव इंडोनेशिया पर देखा जा रहा है। लगभग एक करोड़ की आबादी वाले इस शहर के लिए सालों पहले पर्यावरण विदों ने चेतावनी जारी कर दी थी। 2050 तक शहर का एक तिहाई हिस्सा डूबने की संभावनाएं हैं। ऐसे में सरकार सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए यह निर्णय लेना चाहती है।
अन्य कारण
इंडोनेशिया यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट पर अवस्थित है। यह दक्षिण की ओर खिसक रही है। इतना ही नहीं इंडोनेशिया में सेमरू जिसे द ग्रेट माउंटेन के नाम से जाना जाता है। सर्वाधिक सक्रिय ज्वालामुखी है। विश्व के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी होने के साथ-साथ यह पेसिफिक रिंग आफ फायर, परी प्रशांत अग्नि वल्य पर अवस्थित होने के कारण भूकंप उथल-पुथल का केंद्र बिंदु भी है। भूकंप से आए दिन धरती कांपती है। 8 मार्च 2023 को भी यहां भूकंप आया था। ऐसे में सरकार योजना बना रही है कि इंडोनेशिया की राजधानी बोर्नियो आईलैंड जिसे नुसान्तर के नाम से भी जाना जाता है, नई राजधानी बनाई जाए। इंडोनेशिया बढ़ती जनसंख्या, प्रदूषण, आधारभूत सुविधाओं से जूझ रहा है। यहां आए दिन भूकंप और ज्वालामुखी घटनाएं घटित होती रहती हैं। 2022 में भी यहां भयानक भूकंप आया। देखा जाए तो लगभग 121 सक्रिय ज्वालामुखी के केंद्र बिंदु पर खड़ा है इंडोनेशिया। लगातार भूकंप और ज्वालामुखी घटनाओं से आए दिन उथल पुथल बनी रहती है।
चुनौती
इंडोनेशिया की राजधानी बदलना क्या उचित होगा? नई राजधानी बोर्नियो आईलैंड घने जंगलों से आच्छादित है। ऐसे में वहां के पर्यावरण, पारिस्थितिकी पर इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। जैव विविधता के नुकसान के साथ-साथ अनेक वन्यजीवों, विलुप्त प्राय जीवो के जीवन पर संकट के बादल छाएंगे। पर्यावरण विदों का मानना है कि इस प्रकार से जंगलों की कटाई हुई तो पर्यावरण को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यही नहीं यहां आदिवासी जनजातियां भी बहुतायत में पाई जाती हैं। उनके लिए भी अनेक समस्याएं और चुनौतियां खड़ी होंगी। विशेषज्ञों ने चिंता प्रकट करते हुए इस निर्णय पर अपनी राय देते हुए भावी संकटों से अवगत करवाया।
बोर्नियो आईलैंड
जकार्ता से लगभग 2000 किलोमीटर दूर बोर्नियो आईलैंड जंगल युक्त स्थान है। राजधानी बदलने के इस कदम को पहली बार अप्रैल 2019 में बढ़ते समुंदर की चिंता प्रकट करते हुए ,आबादी को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की इच्छा जाहिर करते हुए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने यह निर्णय लेने का फैसला किया।
समुद्र के स्तर में वृद्धि
बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ग्लेशियर पिघल रहे हैं। हिमनद पर उष्मीय प्रभाव बढ़ गया है। महासागरों के गर्म होने की तीव्र गति लगातार जारी है उष्मीय विस्तार का प्रभाव समुंदरों पर साफ-साफ देखा जा रहा है। ऐसे में समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है समुद्र के जलस्तर बढ़ने से इंडोनेशिया ही नहीं श्रीलंका, बांग्लादेश ,बैंकॉक, मुंबई, न्यूयॉर्क के लिए भी चुनौती बनेगा।