भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पास एक ऐसी शिकायत आई है जिसने पूरे देश को हिला दिया है। इस शिकायत की जांच पर ईडी को देश में चल रहे एक ऐसे गिरोह का पता चला जो दूर-दराज के गांवों में बैठ कर ब्रिटेन और आयरलैंड के लोगों को ठग रहे थे। मजेदार बात यह कि इनमें से अधिकतर ने स्कूल की पढ़ाई भी पूरी नहीं की लेकिन फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं।
ED को जांच में मिला अवैध कॉल सेंटर
आयरलैंड की रहने वाली महिला ने ईडी में शिकायत दी थी कि भारत में बैठे कुछ लोगों ने उसे ठग लिया है। इस पर ईडी ने जांच शुरू की और पाया कि कोलकाता, पटना और खड़गपुर के जरिए यह गिरोह अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा था। गिरोह कॉल सेंटर भी चला रहा था। इस कॉल सेंटर्स के जरिए ही ठगी की जा रही थी।
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शिकायतकर्ता महिला ने बताया था कि उसके बाद आयरलैंड में ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाता Eircom Telecom की ‘स्टेफ़नी’ नाम से एक कॉल आई थी। उसने महिला को झांसा देना चाहा था। कंप्लेंट पर जांच में पाया गया कि स्टेफनी दरअसल पटना का नीतेश कुमार था। और वह अकेला ऐसा नहीं था बल्कि उसके साथ कई और लोग भी जुड़े हुए थे।
जांच में मिला इतना सामान
ईडी ने अपनी जांच और तलाशी के दौरान आरोपियों के पांच लैपटॉप, 16 मोबाइल हैंडसेट, 56 क्रेडिट/डेबिट कार्ड और 69 बैंक खाते सीज किए। इसके अलावा बैंक खातों में तो करोड़ों की रकम मिली ही, करीब दो करोड़ रुपया कैश भी मिला। पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है।
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ऐसे की करोड़ों की ठगी
आरोपी पीड़ितों को फोन कॉल के जरिए अपने झांसे में लेते थे। इसके बाद वे उनके कम्प्यूटर और फोन को रिमोट मोड पर लेकर कंट्रोल करते थे और उनके बैंक से अमाउंट निकाल कर अपने विदेशी पार्टनर्स के खातों में ट्रांसफर कर देते थे। इसके बाद विदेशी पार्टनर इस पैसे को मनीग्राम और वेस्टर्न यूनियन के जरिए भारत में आरोपियों के बैंक खातों में जमा करा देते थे। माना जा रहा है कि इस तरह गिरोह ने कम से कम 40 लोगों से करोड़ों की ठगी की है।