Eid Ul Adha 2024 in Gulf : मुसलमानों के लिए दूसरा बड़ा त्योहार ईद उल अजहा (Eid Ul Adha 2024 in Gulf) जिसे बकरा ईद या बकरीद भी कहते हैं जल्द ही आने वाली है। ईद उल अजहा या बकरीद जिस दिन हज होता है। इसी दिन मुस्लिम बंधु कुर्बानी अदा करते हैं। बकरीद के दिन हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की सुन्नत को जिंदा किया जाता है। तो इस पोस्ट में हम आपको दुबई कुवैत कतर सऊदी अरब में बकरा ईद का चांद कब दिखेगा (Eid ul Adha in Gulf 2024) वो तारीख बताएंगे। क्योंकि भारत से एक दिन पहले वहां चांद नजर आ जाता है। अल्लाह हम सबको अपनी सबसे प्यारी चीज अल्लाह की राह में कुर्बान करने की तौफीक़ नसीब फरमाएं। आमीन सुम्माआमीन
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खाड़ी देशों (Eid Ul Adha 2024 in Gulf) में अलग टाइम जोन की वजह से एक दिन पहले ही चांद नजर आ जाता है। ऐसे में अगर वहां चांद आज 6 जून की शाम को दिखता है तो भारत में अगले दिन 7 जून की शाम को चांद का दीदार (Crescent Moon Eid ul Adha in Gulf) हो सकता है। खाड़ी देशों में ज्यादा संभावना 6 जून की शाम को चांद नजर आने की है। इस हिसाब से खाड़ी देशों में बकरीद 16 जून को मनाई जा सकती है। हज का कार्यक्रम 14 जून से 18 जून तक हो सकता है। खाड़ी देशों में चांद नजर आने के अगले दिन भारत में चांद नजर आता है। हज के मौके पर पांच दिन का कार्यक्रम चलता है। जिसमें शैतान के कंकरी मारने से लेकर सफा मरवा पहाड़ियों का चक्कर और अराफात के मैदान में जमा होना जैसे अरकान भी शामिल है। अल्लाह हमें भी अपने घर की जियारत नसीब अता फरमाएं।
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हिजरी कैलेंडर का अभी ग्यारहवा महीना जिल्काद चल रहा है। इसके बाद आखिरी महीना जिलहज्ज आता है। आज 6 जून 2024 को हिजरी कैलेंडर की जिल्काद महीने की 29वीं तारीख है। इस हिसाब से अगर कल 7 जून की शाम को चांद दिखता है तो हज के महीने की पहली तारीख 8 जून होगी। कुल मिलाकर हज के महीने की दसवी तारीख को बकरा ईद यानी अंग्रेजी तारीख 17 जून को होगी। भारत में बकरा ईद (Eid Ul Adha 2024 in Gulf) 17 जून 2024 को मनाई जा सकती है।
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बकरीद का त्योहार पैगंबर इब्राहीम अलैहिस्सलाम और उनके बेटे ईस्माइल अहेअलैहिस्सलाम की कुर्बानी की सु्न्नत को जिंदा करने के लिए मनाया जाता है। अल्लाह तआला का हुक्म हुआ था कि अपनी सबसे प्यारी चीज को कुर्बान करो। अल्लाह के खलील हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम (Hsitory of Eid ul Adha) को 80 साल की उम्र में हजरत इस्माईल पैदा हुए थे। ऐसे में उनको कुर्बान करने का ख्याल दिल में लाना ही सबसे बड़ी कुर्बानी थी। अल्लाह तआला ने इस इम्तिहान में कामयाब होने पर इब्राहीम अलैहिस्सलाम को कहा कि आपकी ये सुन्नत (Eid Ul Adha 2024 in Gulf) कयामत तक आने वाली नस्लें जिंदा रखेगी। केवल गोश्त खाने के इरादे से कुर्बानी नहीं की जानी चाहिए। बल्कि तकवा और परहेजगारी ही इस त्योहार का मुख्य आधार है।
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