- विदेशी मेहमानों को खाने के बर्तनों में दिखेगी भारतीय संस्कृति की झलक
- गलियारे में होगी जी-20 देशों की सांझी सांस्कृतिक विरासत
जयपुर। G20 Summit जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली में तैयारियां जोर शोर से चल रही है। इस खास मौके पर दिल्ली आने वाले विदेशी मेहमानों के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं। जी-20 देशों के साथ ही आमंत्रित नौ देशों के एक-एक विशिष्ट धरोहर जी-20 सम्मेलन न सिर्फ राजनीतिक व आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ करेगा, बल्कि सांझी सांस्कृतिक विरासत का भी गवाह बनेगा।
नई दिल्ली में प्रगति मैदान पर बने 'भारत मंडपम्'में आने वाले तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्षों के लिए करीब 700 शेफ खाना बनाएंगे। विदेशी मेहमानों को करीब 400 से ज्यादा व्यंजन परोसे जाएंगे। इसके अलावा भी श्री अन्न से बने देसी पकवान और विदेशी डिश भी विदेश के राष्ट्राध्यक्षों समेत उनके साथ आने वाले प्रतिनिधिमंडल को खिलाई जाएंगी। उधर,दिल्ली सरकार ने G20 समिट में शामिल होने वाली हस्तियों को परोसे जाने वाले भोजन की जांच के लिए फूड सेफ्टी अधिकारियों को तैनात किया है। सुरक्षा के बंदोबस्त चाक-चौबंद किए गए हैं, तो वहीं मेहमानों की मेहमाननवाजी के लिए राजधानी के बड़े पांच सितारा होटलों के स्टाफ को लगाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीअन्न को लगातार बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में खास मेहमानों के लिए मोटे अनाज के खास व्यंजन तैयार किए जाएंगे। यही नहीं, शाकाहारी के साथ-साथ मांसाहारी पसंद करने वाले मेहमानों के लिए जापान से ही ऑक्टोपस और सालमन मछली भी आयात की गई है।
विदेशी मेहमानों को फाइव स्टार होटलों में राजस्थानी शैली और चांदी से तैयार बर्तनों में खाना खिलाया जाएगा। ये बर्तन दिल्ली के उन सभी होटल में भेजे गए हैं जहां जी 20 में आने वाले विदेशी मेहमान ठहरेंगे। नौ सितंबर से शुरू हो रहे दो दिवसीय जी-20 सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्षों के लिए भारत मंडपम के सम्मेलन कक्ष के बाहर सांस्कृतिक गलियारे का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें साझी सांस्कृतिक विरासत को सजीव व डिजिटल प्रदर्शित करने की तैयारी है। इसमें जी-20 के साथ ही आमंत्रित नौ देशों के विशिष्ट धरोहरों को दर्शाया जाएगा। इसमें सांस्कृतिक, प्राकृतिक, लोकतांत्रिक समेत अन्य वर्ग बनाए गए हैं। संग्रहालय में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, बांग्लादेश, सिंगापुर, रूस, अमेरिका समेत अन्य सभी देशों के धरोहर होंगे।
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विशेष बात कि इस प्रदर्शनी को जी-20 आयोजन के बाद आम लोगों के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें देश की प्राचीन ज्ञान परंपरा को प्रदर्शित करने के लिए पाणिनी के आठवें अध्याय को रखा गया है। इसी तरह चीन से फहुआ जार, फ्रांस से मोनालिसा की पेंटिंग, ब्राजील से ग्रेटेंबर्ग बाइबल, स्पेन का घंटा, जापान का कसोदे, मारीशस के रावण नाम के वाद्य यंत्र समेत अन्य धरोहरों को सजीव या डिजिटल रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।
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भारत की सांस्कृतिक विशिष्टता को कुंभ मेला, योग, वेदों का सस्वर पाठ, समेत अन्य होंगी। जबकि प्राकृतिक धरोहर में हिमालय की सुंदरता, रायल बंगाल टाइगर, गंगा के साथ ही अन्य को प्रदर्शित किया जाएगा। जी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष को इन धरोहरों को उनकी ही भाषा में स्टोरी टेली के माध्यम से देने की तैयारी है। इसके लिए अंग्रेजी समेत संयुक्त राष्ट्र की तय छह भाषाएं चयनित की गई है। जानकारी के मुताबिक इस प्रदर्शनी को 10 सितंबर के बाद आम लोगों के लिए भी प्रदर्शित करने की तैयारी है। इस वर्ष 20 नवंबर तक भारत के पास जी 20 की अध्यक्षता है।