भारत और रूस की दोस्ती कई देशों को सता रही है। इसलिए कई देश भारत से अपनी दोस्ती को प्रगाढ़ कर भविष्य की सुरक्षा में अभी से ही लग गए हैं। ऐसा ही एक देश है जर्मनी। जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस चार दिवसीय दौरे पर आज भारत आने वाले हैं। इस दौरे में वे भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे। भारत और जर्मनी में इस दौरान 75 आई प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 43,000 करोड़ रुपये की डील हो सकती है।
इस डील में एडवान्स्ड डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों को लेकर फैसले किए जा सकते हैं। दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच एयर डिफेंस सिस्टम और ड्रोन्स तकनीक के सहयोग पर भी चर्चा की जा सकती है। पिस्टोरियस के जर्मनी में रक्षा मंत्री बनने के बाद यह उनका पहला भारत दौरा है। वे इसमे डिफेंस क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स शुरू करने वाली कई कंपनियों से मिलेंगे।
रूसी रक्षा मंत्री ने इससे पहले सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के बाद एक प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा कि भारत की रूस के हथियारों पर निर्भरता बहुत ज्यादा है। यह जर्मनी के लिए हितकर नहीं है। पिस्टोरियस ने कहा कि भारत डिफेंस से जुड़ी कई चीजों के लिए रूस पर निर्भर है।
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जर्मन नौसेना होगी इंडो-पैसिफिक में तैनात
जर्मनी भविष्य में भारत के साथ हित तो नहीं देखता क्योंकि भारत और रूस का साथ काफी मजबूत है। फिर भी हम इंडोनेशिया और भारत के सहयोग के लिए हमेशा तैयार हैं। भारत बहुत मजबूत पार्टनर है। जर्मन नौसेना जब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में तैनात होगी तब हम भारतीय नौसेना के साथ यूद्धाभ्यास भी कर सकते हैं।
23 साल पुरानी है भारत और जर्मनी की पार्टनरशिप
भारत और जर्मनी के बीच 23 साल से स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप है। मुंबई में जर्मन नौसेना 2022 में पोर्ट का दौरा कर चुकी है। फिलहाल 2 जर्मन जहाज गोवा पोर्ट भेजने की योजना बनाई जा रही है।