IMEC Corridor Countries: भारत और यूरोप के बीच एक बहुत बड़ा आर्थिक गलियारा बनने जा रहा है। लगभग 6 हजार किलोमीटर लंबा यह आर्थिक कॉरिडोर भारत से लेकर मिडल ईस्ट और यूरोप के बीच समुद्री और रेल मार्ग को नई दिशा देगा। इससे मालभाड़ा और समय की बचत होगी। भारत-यूरोप कॉरिडोर का सबसे बड़ा हिस्सा (IMEC Corridor Countries) अरब देशों से होकर गुज़रेगा। पीएम मोदी हाल ही में खाड़ी देशों की यात्रा पर रहे थे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर प्रधानमंत्री ने अरब के शेखों पर ऐसा क्या प्रभाव जमाया है कि सभी मुस्लिम भारत के साथ कारोबार करने और रिश्ते सुधारने पर आमादा हो रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान को मिर्ची लगना तो तय है।
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कॉरिडोर किस देश से होकर गुज़रेगा?
India Middle East Europe Corridor के रूट मैप की अगर हम बात करे तो ये मुंद्रा पोर्ट भारत से होता हुआ यूएई हेइफा से सीधे रियाद होता हुआ यूरोप तक जाएगा। इस कॉरिडोर योजना में भारत के अलावा अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब आमीरात, यूरोपीय यूनियन, इटली, फ्रांस और जर्मनी (IMEC Corridor Countries) भी शामिल हैं। खास बात यह है कि ज्यादातर मुस्लिम देश भारत की वजह से इस प्रोजेक्ट से जुड़े हैं। क्योंकि उन्हें भारत की आर्थिक ताकत का अंदाजा हो चुका है।
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पाकिस्तान को लगा झटका!
इस भारत यूरोप कॉरिडोर में पाकिस्तान को शामिल न करके अरब और यूरोपीय देशों ने साफ संदेश दे दिया है कि आतंक को पनाह देने वाले देश (IMEC Corridor Countries) के साथ कोई रिश्ता नहीं रखा जाएगा। हालांकि पाकिस्तान चीन की मदद से आए दिन खुराफाते करने से बाज नहीं आता है। मुस्लिम देशों के साथ भारत के संबंध इन दिनों लगातार अच्छे होते जा रहे हैं। इस बात से पाकिस्तान टेंशन में है।
क्या क्या बनेगा इस कॉरिडोर में?
भारत यूरोप कॉरिडोर (IMEC Corridor) में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। फ्रांस ने कॉरिडोर को लेकर अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। इस आर्थिक गलियारे में एक रेल लिंक, एक बिजली केबल, एक हाइड्रोजन पाइपलाइन और एक हाई-स्पीड डेटा केबल नेटवर्क विकसित किया जाएगा। साथ ही सभी देशों के बीच आयात निर्यात की प्रक्रिया को पहले से आसान बनाया जाएगा। कुल मिलाकर मुस्लिम देश अब ये समझ चुके हैं कि भारत से हाथ मिलाने में ही उनका शानदार मुनाफा है क्योंकि पाकिस्तान तो डूबता हुआ सूरज है, इसीलिए मौजूदा दौर में भारत के साथ अच्छे रिश्ते खाड़ी देशों की तकदीर बुलंद करेंगे।