India and Israel relations:भारत के सहयोगी के रूप में जाने वाले इजरायल को आज देश का भरोसेमंद मित्र माना जाता है। इजरायल रूस के बाद भारत के लिए भी हथियारों की सप्लाई के मामले में सबसे भरोसेमंद मित्र माना जाता है। लेकिन इजरायल का भारत के साथ आने तक का ये रास्ता काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है।
भारत की विदेश नीति में 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदलाव किया। जिसके बाद इजरायल के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को नया आयाम मिला। यही से शुरू हुई नई दोस्ती। पीएम मोदी ने फलस्तीन और इजरायल के साथ देश के संबंधों को अलग रखते हुए, नए संबंध बनाए। military relationship between israel and india नरेंद्र मोदी की नीतियां तब भी दिखी जब वे इजरायल की यात्रा पर जाने के समय फलस्तीन नहीं जाते थे। वहीं फलस्तीन जाने के समय इजरायल नहीं जाते थे। मोदी ने अरब देशों की नाराजगी को दरकिनार करते हुए इजरायल के साथ संबंध मजबूत किए। आनते हैं उन खास कारणों को जिन्होंने india and israel relationship को दुनिया के सामने नया मोड़ दिया।
यहूदियों पर हुए अत्याचारों पर महात्मा गांधी सहानुभूति रखते थे। फिर भी वे फलस्तीन को बंटवारे के लिए मजबूर करने के पक्ष में नहीं थे।
इजरायल के लिए प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने महात्मा गांधी से कहा था की अरब आबादी की सहमति के बिना फलस्तीन का विभाजन होना गलत है।
स्वतंत्रता के बाद भारत फलस्तीन के हितों के लिए खड़ा रहा। भारत में मुसलमानों की आबादी ज्यादा होने से फलस्तीन को लेकर सहानुभूति थी। ऐसे में इजरायल को लेकर भारत की नीतियां इन्हीं पर आधारित रही।
military relationship between israel and india इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री डेवडि बेन गुरियन को नेहरू ने पत्र लिख हथियारों और गोला बारूद की मांग की थी। इसी के साथ इजरायल से उसका झंडा लगाए बिना ही जहाज भेजने की मांग की थी। जिससे अरब देशों के साथ भारत के संबंध खराब न हों। लेकिन इजरायल ने झंडे के साथ मदद स्वीकार करने की ही बात की।
पाकिस्तान के साथ 1971 में युद्ध के दौरान इजराइल ने भारत को हथियारों की मदद भेजी थी।
भारत ने इजरायल के साथ 1992 में पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। फलस्तीन के तत्कालीन राष्ट्रपति यासर अराफात को इससे पहले भरोसे में लिया था।
भारत ने 1998 में परमाणु परीक्षण किया था। अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर से भारत पर प्रतिबंध लगाए गए। वहीं इजरायल के साथ भारत के रक्षा संबंधों पर इससे कोई असर नहीं पड़ा।
कारगिल की लड़ाई के दौरान 1999 में भारत और इजरायल के मध्य सैन्य सहयोग बढ़ा। इजरायल ने भारत को खुफिया जानकारी ही नहीं ड्रोन और लेजर गाइडेड बम भी मुहैया करवाए।
एरियल शेरोन भारत की यात्रा पर 2003 में आए। द्विपक्षीय रिश्तों को इससे और मजबूती मिली। जिसके बाद 2017 में प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी इजरायल की यात्रा पर गए। जिससे भारत इजरायल के संबंध अलग स्तर पर गए।
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