India Middle East Europe Corridor: भारत को यूरोप से जोड़ने वाले कॉरिडोर निर्माण को लेकर फ्रांस ने प्रयास तेज कर दिए हैं। फ्रांस इस यूरोप भारत आर्थिक गलियारे के निर्माण को लेकर बातचीत की तैयारी में जुटा हुआ है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की माने तो इस कड़ी में ये पहली बैठक होगी, जिसमें इसी तरह की चीनी पहल का मुकाबला करने की योजना है। India Middle East Europe Corridor के बनने के बाद भारत का यूरोप और अरब देशों के साथ व्यापार काफी बढ़ जाएगा, जिससे पाकिस्तान को काफी मिर्ची लग रही है।
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भारत के संग अरब देश
भारत और अरब देशों के बीच समझौता हो चुका है। पाकिस्तान कि किरकिरी हो गयी है। दरअसल अब तक पाकिस्तान समझता रहा है कि अरब के मुस्लिम देश केवल उसकी मानते हैं, लेकिन पीएम मोदी की कुशल नेतृत्व क्षमता के चलते पूरा अरब आज भारत के साथ खड़ा हुआ नजर आ रहा है।
पाकिस्तान को लगी मिर्ची
भारत और अरब देशों के संबंध लगातार अच्छे होते जा रहे हैं। हाल ही में पीएम मोदी की आबू धाबी और कतर यात्रा से मुस्लिम देशों में भारत को लेकर गजब का माहौल है। अरब का हर मुस्लिम देश इस समय भारत के साथ हाथ मिलाने कारोबार करने के लिए बेताब हो रहा है। ऐसे में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को मिर्ची लग रही है। चीन के दम पर उछलने वाला पाकिस्तान अब भारत की पैठ मुस्लिम देशों में बढ़ती देखकर घबरा रहा है।
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6000 KM लंबा होगा यह रास्ता
इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर की लंबाई लगभग 6000 किलोमीटर होगी। इससे भारत अरब मिडल ईस्ट और यूरोप के सभी देश आपस में बिजनेस को लेकर जुड़ जाएंगे। कॉरिडोर के बनने के बाद भारत से यूरोप तक सामान पहुंचाने में लगभग 40% समय की बचत होगी। क्योंकि अभी भारत से किसी भी कार्गो शिप को जर्मनी पहुंचने में 36 दिन लगते हैं, इस कॉरिडोर के बाद 14 दिन की बचत होगी। यूरोप तक सीधा रस्ता बनने के बाद भारत से बड़ी मात्रा में इंपोर्ट एक्सपोर्ट होने लगेगा। धन और समय दोनों बचेगा।