भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 और 14 जुलाई को फ्रांस के दौरे पर जाने वाले हैं। जहां उन्हें बतौर चीफ गेस्ट बैस्टिल डे परेड में आमंत्रित किया गया है। इस दौरे में भारत और फ्रांस के बीच बड़ी डील भी तय होने की संभावना जताई जा रही है। भारत फ्रांस से नौसेना को और ताकतवर बनाने के लिए 26 Rafale M मैरीटाइम लड़ाकू विमान खरीदने वाला है। यही नहीं स्काॅर्पीन क्लास पनडुब्बी भी भारत इस समय खरीदने की तैयारी कर सकता है।
इसलिए हुआ जरूरी
भारत के पड़ोसी देश और चीन और पाकिस्तान अपनी सेना की शक्ति को लगातार बढ़ा रहे हैं। जिसके लिए पाकिस्तानी सेना जहां अपने बेड़े में नए युद्ध पोत शामिल कर रही है। वही चीन भी समुद्री बेड़े में जहाजो, पनडुब्बियों को शामिल कर रहा है। यह बयान भारत के नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार की ओर से 29 अप्रैल को दिख गया था।
Rafale M पहले से है अलग
भारत में पहले भी सितंबर 2016 में 59,000 करोड़ रुपए की डील कर वायुसेना में फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान ले चुका है। जिसमें भारत ने 36 लड़ाकू विमान खरीदे थे। नए Rafale Mऔर पुराने राफेल में 85 प्रतिशत भाग एक जैसे ही हैं। जिससे स्पेयर पार्ट्स में समस्या कम आएगी। सामान्य लड़ाकू विमान एयरक्राफ्ट कैरियर के मुताबिक चेंज किया है। जिससे ये एयरपोर्ट के स्ट्रिप 3 हजार मीटर लंबे हैं। इस विमानवाहक पोत पर अरेस्टेड रिकवरी सिस्टम भी हैं।
लैंडिंग के समय एयरक्राफ्ट की टेल हुक हो जाएगी। जिससे वो कम दूरी पर रुकेगी। ऐसे ही फीचर Rafale M में भी हैं। जो राफेल में नहीं हैं। Rafale M एयरक्राफ्ट कैरियर्स यानी विमानवाहक पोत पर तैनात होगा। फ्रांस से यदि यह डील हो जाती है तो 26 Rafale M लड़ाकू विमान को तैनात किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक भारत 22 सिंगल सीटेड Rafale M और 4 ट्रेनर विमान खरीदने वाला है। इसे दसॉ एविएशन ने बनाया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 13 जुलाई को बैठक में 26 Rafale M विमानों के लिए मंजूरी दे सकते हैं।