Categories: दुनिया

जानिए मालदीव में क्या काम करते है Indian Army के सैनिक और क्यों गए थे

 

Maldives India Controversy: मालदीव और भारत के बीच विवाद गहराता नजर आ रहा है। मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से अपने सैनिकों को उनके देश की जमीन से हटाने को कहा है। Mohammad Muizzu को चीन समर्थक नेता माना जाता है। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में प्रचार के दौरान भी भारत के खिलाफ कैंपेन चलाकर माहौल बनाया था। इन सब के बीच भारत से विवाद का असर मालदीव की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। 

 

सोशल मीडिया पर #bycottmaldives ट्रेंड कर रहा है। भारत की बड़ी-बड़ी हस्तियां मालदीव छुट्टियां मनाने जाती थी, लेकिन अब उन्होंने भी अपने सभी प्लान कैंसिल कर दिए है। इसके बाबजूद मालदीव सरकार के तेवर भारत के खिलाफ उग्र नजर आ रहे है। वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से अपने सैनिकों को वापस बुला लेने को कहा है। बता दे मालदीव में भारत के करीब 83 सैनिक तैनात है, जो वहां की सुरक्षा-व्यवस्था पर पैनी नजर रखते है। 

 

यह भी पढ़े: जंग और व्यापार एक साथ करना असंभव…भारत की चीन को दो टूक

 

क्या करते है मालदीव में भारतीय सैनिक

 

अनुमानित 70 से 80 भारतीय सैनिक मालदीव में तैनात है। इन सभी के पास कुछ टोही विमान है, जिससे वो हिंद महासागर की निगरानी करते हैं। मालदीव में ये सैनिक राहत बचाव कार्य और मेडिकल सहायता पहुंचाने के काम में भी लगे रहते है। कुछ समय पहले ही Indian Navy ने वहां एक डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टर तैनात किये थे। जिनका मुख्य कार्य 200 छोटे-छोटे द्वीपों के मरीजों को अस्पताल पहुंचाने का हैं। 

 

कब मालदीव गई थी भारतीय सेना

 

साल 1988 में तत्कालीन राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम (Maumoon Abdul Gayoom) के आग्रह पर भारतीय सेना मालदीव पहुंची थी। सामरिक दृष्टिकोण से मालदीव भारत के लिए बेहद खास देश है। ऐसे में भारत नहीं चाहता कि किसी भी छोटे से देश से उसके संबंध खराब हो। 

 

यह भी पढ़े: मालदीव ने दी सीधी धमकी, तुरंत देश छोड़ दे भारतीय सेना

 

मालदीव ने क्यों पड़ी भारतीय सेना की जरुरत 

 

1988 में मालदीव आंतरिक कलह से जूझ रहा था। उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति Maumoon Abdul Gayoom के खिलाफ तख्तापलट की साजिश रची जा रही थी। यह साजिश मालदीव के व्यापारी अब्दुल्ला लुथूफ़ी और उनके साथी सिक्का अहमद इस्माइल मानिक द्वारा रची जा रही थी। इसी दौरान खबर आई की दोनों व्यापारी श्रीलंका के चरमपंथी संगठन 'प्लोट' के भाड़े के लड़ाकों की मदद लेकर मालदीव पर कब्जा करने का प्लान कर रहे थे। 

 

दोनों व्यापारियों ने भाड़े के लड़ाकों के साथ मालदीव में घुसने का प्रयास किया। उनका प्रयास Maumoon Abdul Gayoom को घेरने का था। लेकिन मौमून ने समय की नजाकत को समझा और एक सेफ हाउस में छिप कर वहां से सीधे भारत सरकार से संपर्क साधा। उन्होंने भारत से सुरक्षा की मांग की। 

 

मालदीव के राष्ट्रपति की मांग पर भारत की Rajiv Gandhi Sarkar ने गंभीर रूप अपनाते हुए कुछ ही घंटों में Indian Army की एक टुकड़ी को हवाई मार्ग के जरिए हुलहुले हवाई अड्डे पर पहुंचा दिया। यहां से भारतीय सैनिक राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम के सेफ हाउस पहुंचे और उन्हें विद्रोहियों से बचा लिया। 

Aakash Agarawal

Recent Posts

तिरुपति बालाजी मंदिर लड्डू में चर्बी, आखिर क्या है Tirupati Temple Row

Tirupati Balaji laddu controversy: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम को लेकर इन दिनों हंगामा मचा…

11 मिन ago

सीएम भजनलाल शर्मा ने की ब्रिटिश उप उच्चायुक्त स्टीव हिकलिंग से मुलाकात

CM Bhajanlal Sharma : जयपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) से मुख्यमंत्री…

16 मिन ago

डिंपल मीणा हत्याकांड में कूदे किरोड़ी लाल, अब होगा बड़ा एक्शन

Dimple Meena murder case : शुक्रवार को डॉ. किरोड़ी लाल (Dr. Kirori Lal) के निवास…

1 घंटा ago

अय्यूब के प्यार में फंसी 50 महिलाएं, जज को भी नहीं छोड़ा

fraudster News : नई दिल्ली। आइए आज हम आपको एक ऐसे शातिर ठग के बारे…

2 घंटे ago

iPhone 16 बड़ा डिस्काउंट ऑफर…..80 हजार का मोाबइल अब 10 हजार में, जानिए कैसे?

Apple iPhone 16 : जयपुर। क्या आप आईफोन 16 सीरीज का फोन खरीदने जा रहे…

2 घंटे ago

रामगढ़ उपचुनाव जीतने के लिए डोटासरा ने बनाई खास रणनीति, जुबेर खान की मौत से खाली हुई थी सीट

Govind Singh Dotasra formed a committee for Ramgarh by-election : जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कांग्रेस…

4 घंटे ago