जयपुर। अब आर्थिक रूप से कंगाल हो चुका पाकिस्तान उसका दोस्त चीन भारत के नाम से थर-थर कांपेगा। क्योंकि भारत के राफेल फाइटर जेट 31 नाटो देशों के साथ युद्धभ्यास कर रहे हैं। राफेल की गरज से चीन और पाकिस्तान की चिंता और बढ़ जाएगी। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब विदेशी धरती पर भारतीय राफेल फ्रांसीसी सैन्य अभ्यास में अपना जज्बा दिखा रहे हैं। इस सैन्य अभ्यास में नाटो देशों के हजारों सैनिक शामिल हैं। इस युद्धभ्यास में भाग लेने के लिए भारतीय लड़ाकू विमानों के अप्रैल के मध्य तक फ्रांस पहुंचेंगे। यह एक मल्टीनेशनल वॉर गेम है। यह वॉर गेम फ्रांस में फरवरी में शुरू हुआ था, मई की शुरुआत तक समाप्त होने वाला है।
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फ्रांस से देखेगी दुनिया भारत की ताकत
इससे पहले इंडियन एयर फोर्स के राफेल ने राजस्थान के जोधपुर में फ्रांसीसी वायु सेना के साथ वॉर गेम में भाग लिया था। सेना के रक्षा के मुताबिक भारतीय वायु सेना के राफेल फाइटर जेट फ्रांस में आयोजित मल्टीनेशनल वॉर गेम में भाग लेने के लिए फ्रांस के लिए उड़ान भर सकते हैं। उधर फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यह युद्धाभ्यास नाटो का अभ्यास नहीं है। यह एक फ्रांसीसी अभ्यास है। इस अभ्यास में फ्रांस और उसके नाटो सहयोगियों के करीब 19,000 सैनिक शामिल हैं और भूमि, समुद्र, वायु और साइबर स्पेस में फैले हुए हैं।
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पहली बार विदेश में गरजेगा भारतीय लड़ाकू विमान
आपको बता दें कि भारतीय लड़ाकू विमान राफेल के लिए पहला विदेशी दौरा है, अभी 36 राफेल फाइटर जेट भारतीय वायुसेना को सेवा दे रहे हैं। राफेल भारत का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान है और यह 200 किमी की रेंज वाली उल्कापिंड हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और 300 किमी से अधिक रेंज वाली स्कलैप हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस है। भारत और फ्रांस नियमित रूप से द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास करते हैं, जिसमें हवाई अभ्यास की गरुड़ श्रृंखला भी शामिल है, लेकिन हाल ही में बहुपक्षीय युद्ध खेलों में तेजी से भाग ले रहे हैं। मार्च के मध्य में, भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में एक्स ला पेरोपयूज में भाग लिया, जिसमें अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूके शामिल थे।
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वॉर गेम में ये है खास
इस इंटरनेशनल वॉर गेम की पृष्ठभूमि में रूस-यूक्रेन युद्ध की झलक दिख रही है। युद्धाभ्यास के दौरान एक काल्पनिक देश श्अरलैंडश् हैं, जो फ्रांस से ताल्लुक रखता है। अरलैंड पर उसके पड़ोसी ताकतवर देश श्मर्क्याेरश्की ओर से हमला कर दिया जाता है। मर्क्याेर की ओर से एक अलगाववादी उग्रवादी बल की स्थापना की जाती है। अरलैंड अपने सहयोगियों से आक्रमण के खिलाफ मदद की अपील करता है।