जिस आभासी क्रिप्टोकरंसी की खोज 2008 में आविष्कारक सतोशी नाकामोतो ने की थी। आज उसका रूप बहुत कुछ बदल गया है। Artificial intelligence आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस or blockchain technology ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी दोनों ने ही अब क्रिप्टोकरंसी में अपनी नई पहचान बनानी शुरू कर दी है।
आभासी मुद्रा (क्रिप्टो करेंसी) की दुनिया में दिन-प्रतिदिन नए नए रूप देखने को मिल रहे हैं। जैसे पेमेंट कॉइन, यूटिलिटी कॉइन स्टेबल कॉइन आदी बाजार में आ गए हैं। अब बारी है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी की अब इसकी भी चमक और धमक क्रिप्टोकरंसी में देखने को मिली है।
क्या अंतर है दोनों में?
आभासी मुद्रा (क्रिप्टो करेंसी) को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से और अधिक सुरक्षित परफॉर्मेंस के साथ उतारा गया है। एआई टेक्नोलॉजी में सुरक्षा और परफॉर्मेंस के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का इस्तेमाल किया गया है। आर्टिफिशियल कॉइन मार्केट के ट्रेड को मेंटेन और रिकॉर्ड करने के साथ-साथ कीमत में आने वाले फ्लकचुएशन उतार-चढ़ाव का पता लगाने में सक्षम है। क्रिप्टो में निवेश करना मुनाफे का सौदा है लेकिन इसमें जोखिम भी बहुत है। इसलिए सोच समझकर करें निवेश।
हो सकते हैं नुकसान
अन्य आभासी मुद्रा क्रिप्टोकरंसी की तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी क्रिप्टोकरंसी को निवेशक क्रिप्टो एक्सचेंज पर ट्रेड कर सकते हैं। अभी यह मुद्रा पॉपुलर नहीं हुई है। ऐसे में इस में निवेश करने से पहले इसके उतार-चढ़ाव को ठीक से समझना जरूरी है। बिटकॉइन की तरह इन एआई क्रिप्टोकरंसी में भी फ्लकचुएशन बना रहता है।
क्योंकि मौजूदा समय में एआई क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन तथा अन्य बड़ी क्रिप्टोकरंसी की तरह अभी लोकप्रिय भी नहीं हुई है। एशियाई देश भारत तथा कई अन्य देशों में क्रिप्टोकरंसी को लेकर नियम -विनियम भी सख्त बने हुए हैं। साथ ही इस बार सरकार ने इस पर कड़ाई से नजर रखी हुई है।
पांच बड़ी एआई क्रिप्टो करेंसी
इस समय एआई क्रिप्टो करेंसी का वैल्यूएशन अनुमानित 3.2 अरब डॉलर आंका जा रहा है। इस समय पांच सबसे बड़ी एआई क्रिप्टो करेंसी में कॉइन मार्केट कैप के अनुसार द ग्राफ, रेडर टोकन, इंजेक्शन, सिगुलैरिटीनेट और ओएसिस नेटवर्क है।
वही बात करें शेयर मार्केट की तो सुबह 10:32 मिनट पर बीएसई सेंसेक्स 62966.54 पर ट्रेड कर रहा है। वहीं निफ्टी 18626.6 ट्रेड कर रहा है।