जयपुर। इजरायल (Israel) लगातार अपने कट्टर दुश्मन हिजबुल्लाह के गढ़ लेबनान (Hezbollah In Lebanon) में बड़े स्तर के हमले करते हुए उसें नेस्तनांबूद रहा है। हाल ही में इजरायल की खुफिया एजेंसी ने लेबनान में मौजूद हिजबुल्लाह के 1600 टारगेट खोजकर उन पर 300 मिसाइलें दागी है जिसमें कम से कम 500 लोग मारे गए हैं। इजरायल के इन जबरदस्त हमलों में उसके रक्षा कवच आयरन डोम का भी कमाल है। यह आयरन डोम हिजबुल्लाह की तरफ से किए गए हमलों को विफल कर देता है। इजरायल के इस अटैक में खुफिया एजेंसी मोसाद हाथ है। मोसाद हाल ही में लेबनान में पेजर, वॉकी-टॉकी और सोलर प्लांट में धमाकों को अंजाम दे चुकी है। इस कारण लेबनान में बहुत ही बुरे हालात पैदा हो गए। ऐसे में आइए जानते हैं कि मोसाद और इजरायली आयरन डोम के कमाल के बारे में जिसने पूरे लेबनान में तबाही मचा दी है। इसी के साथ पहले ऑपरेशन एंतेबे के बारे में भी जानते हैं कि जिसको इजरायल की आर्मी और मोसाद ने मिलकर सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
ऑपरेशन एंतेबे में सिर्फ एक हफ्ते में मार गिराए आतंकी
यह बात 27 जून, 1976 की है जब पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलीस्तीन के 2 आतंकियों ने जर्मनी के 2 लोगों के साथ मिलकर पेरिस जा रहे विमान को हाईजैक (Israel Plane Hijack) कर लिया। इसके बाद प्लेन को युगांडा ले गए। यह विमान इजरायल की राजधानी तेल अवीव से ग्रीस की राजधानी एथेंस के लिए उड़ा था। इस फ्लाइट में 246 यात्रियों के साथ ही क्रू के 12 सदस्य सवार थे। प्लेन हाईजैकर्स ने यूगांडा के एंतेबे एयरपोर्ट पर यात्रियों और क्रू को बंधक बनाकर रखा। फिर क्या था मोसाद और इजरायली डिफेंस फोर्सेज यानी IDF ने सिर्फ एक सप्ताह में ही आतंकियों को मारते हुए बंधकों को छुड़ा लिया।
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200 मोसाद के एजेंट और आर्मी ने संभाला मोर्चा
उस समय इजरायल (Israel) की खुफिया एजेंसी मोसाद (MOSAD) और आर्मी के 200 जांबाज कमांडोज ने मोर्चा संभाला था। उनके एक एजेंट ने विमान से एयरपोर्ट की तस्वीरें ली और फिर कार्रवाई को अंजाम दिया। सिर्फ एक सप्ताह में ही इजरायल के कमांडो ने एयरपोर्ट पर हमला कर 100 इजरायली और यहूदी बंधकों को छुड़ा लिया। हालांकि, इस दौरान 3 बंधकों के अलावा युगांडा के कई सैनिकों और लीड कमांडो योनातन नेतन्याहू (इजराइल के मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई) की मौत हो गई थी। आपको बता दें कि इस एंतेबे ऑपरेशन को ऑपरेशन थंडरबोल्ट भी कहा जाता है, जिसके लिए मोसाद ने खुफिया जानकारियां मुहैया कराईं, जबकि इजरायली सेना ने इस अभियान की कमान संभाली।
मोसाद ने 1600 टार्गेट पहचान कर किया हमला
अब मोसाद ने अपने दुश्मनों को मारने के लिए पूरे लेबनान में 1600 ऐसे टार्गेट्स की पहचान की जहां हिजबुल्लाह लड़ाके सबसे ज्यादा संख्या में छुपे हुए थे। इनके बारे में इनपुट्स इजरायल की आर्मी को दिए गए और फिर उसने मिसाइलों से हमले किए। इसी दौरान आयरन डोम सिस्टम को भी एक्टिव किया गया था जिसने हिजबुल्लाह की तरफ से किए गए रॉकेट हमलों को नेस्तनाबूद कर दिया।
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ये है आयरन डोम और ऐसे काम करता है
इजरायल के आयरन डोम (Israel Iron Dome) को दुश्मन की तरफ से आने वाले कम दूरी की मिसाइलों व रॉकेट्स से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है। हर मौसम में यह रक्षा कवच काम करता है। यह रॉकेटों को ट्रैक करने के लिए रडार का यूज करता है। यह सिस्टम उन रॉकेटों की पहचान पहले ही कर लेता है, जो इजरायल पर गिरने वाली होती हैं। इंटरसेप्टर मिसाइलें सिर्फ आबादी वाले इलाकों पर हमला करने वाले रॉकेटों पर दागी जाती हैं। इस प्रणाली में बैटरियां यूज होती हैं जिनमें 3 से 4 लॉन्चर होते हैं। ये सभी एकसाथ 20 इंटरसेप्टर मिसाइलों को फायर कर सकते हैं। इस सिस्टम के स्थिर और मोबाइल दोनों वर्जन हैं। मोबाइल यानि ट्रक से खींचकर इनको कहीं भी ले जाया जा सकता है। यह सिस्टम 10 सेकेंड में 20 मिसाइलें एकसाथ छोड़ता है।
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