जयपुर। देश में एकबार फिर से हिंदू राजतंत्र की वापसी होने वाली है इसको लेकर सेना अलर्ट हो गई है। यह मामला नेपाल का है जहां एकबार फिर से हिंदू राजतंत्र की वापसी की मांग तेज हो गई है। हाल ही में नेपाल की राजधानी काठमांडू में राजतंत्र समर्थकों ने प्रदर्शन किया और हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर झड़पें हुई। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। बवाल बढ़ता देख नेपाल की प्रचंड सरकार ने सेना को अलर्ट पर रखा है। दुर्गा परसाई हिंदू राजतंत्र के समर्थन में हो रहे इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। आपको बता दें कि परसाई एक उद्यमी हैं और स्वयं पूर्व माओवादी रह चुके हैं।
सेना अलर्ट मोड पर
नेपाल के गृह मंत्रालय के मुताबिक देश की सेना को अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन एक्शन लेने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। खबर है कि प्रदर्शन के दौरान दुर्गा परसाई अपने प्रदर्शन के मूल स्थान से बाजार की ओर चले गए। यहां पर उन्होंने राजतंत्र को बहाल करने के समर्थन में नारे लगाए। इसके साथ ही उन्होंने 'महंगे संघीय सिस्टम' को खत्म करने की मांग की। इस दौरान उनकी केपी ओली की पार्टी यूएमएल के यूथ विंग युबसंघ के सदस्यों से भी झड़प हो गई।
राजतंत्र समर्थकों को सीधी चेतावनी
खबर है कि युबसंघ के सदस्यों ने परसाई ग्रुप को प्रदर्शन के लिए दिए गए क्षेत्रों में जबरन घुसने की कोशिश की तो काठमांडू पुलिस को एक्शन लेना पड़ा। परसाई समर्थकों पर निगरानी के लिए नेपाल पुलिस ने प्रदर्शनस्थल के पास बैरियर लगाए। इसके साथ ही सड़कों पर वाटर कैनन भी तैनात किए। इतना नहीं बल्कि CCTV भी लगाया गया ताकि परसाई समर्थकों की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रख सकें। युबसंघ के सदस्यों ने तिनकुने में अलग से एक रैली की जहां उन्हें प्रदर्शन के लिए जगह दी गई थी।
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अराजक स्थिति का दिया हवाला
इसी के साथ ही केपी शर्मा ओली के करीबी महेश बासनेट ने चेतावनी जारी की है कि वो परसाई समर्थकों को अराजक स्थिति नहीं पैदा करने देंगे। इसको लेकर परसाई ने कहा कि उनका आंदोलन वर्तमान व्यवस्था के खिलाफ लोगों का जनविद्रोह है। उन्होंने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड से कहा कि वो लोगों के सामने सरेंडर कर दें और नेपाली जनता की इच्छा के अनुसार राजनीतिक व्यवस्था लागू करवाएं। परसाई ने यह भी कहा कि हम नेताओं के लूट का विरोध करते हैं। बैंक, निगम और वित्तीय संस्थान लोगों का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लोगों के 20 लाख रुपये से कम के लोन को माफ किया जाए।