- नेपाल ने भारत से टमाटर के बदले मांगा चावल
- चावल-चीनी के लिए भारत से किया अनुरोध
भारत और नेपाल एक ऐसे खास मुद्दे पर एक-दूसरे का साथ दे रहे है जिससे महिलाओं की टेंशन खत्म हो सकती है। दोनों ही देशों का रसोई का स्वाद बिगड़ा हुआ है। एक तरफ भारत में टमाटर महंगे होने के कारण ये रसोई से दूरी बनाए हुए हैं वहीं नेपाल भी भारत सरकार की ओर से चावल निर्यात करने के कारण परेशान हो रहा है। ऐसे में दोनों देशों ने एक-दूसरे की समस्या को समझते हुए जरूरतों को पूरा करने के कदम उठाए हैं।
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भारत को टमाटर के बदले नेपाल को चुकानी होगी बड़ी कीमत
भारत में टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों के कारण लोग परेशान है। भारत की इस परेशानी में नेपाल मदद करने के लिए आगे आया है। नेपाल ने टमाटर का निर्यात शुरू कर दिया है। लेकिन भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी। नेपाल ने टमाटर के बदले भारत से चावल और चीनी की मांग की है।
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चावल-चीनी के लिए भारत से किया अनुरोध
भारत से गैर बासमती चावल का निर्यात बैन कर दिया गया था। इसके चलते नेपाल के मार्केट में दाम बढ़ गए। नेपाल सरकार ने औपचारिक रूप से चावल से बैन हटाने को कहा है। खबरों के मुताबिक उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि नेपाल ने भारत से 10 लाख टन धान और 1 लाख टन चावल और 50 हजार टन चीनी का अनुरोध किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टमाटर के आयात की पहली खेप शुक्रवार को वाराणसी, लखनऊ और कानपुर में पहुंचने की संभावना जताई।