नेपाल के व्यापारियों ने भारत से आलू, प्याज और अन्य सब्जियां मंगाना बंद कर दिया है। नेपाल के व्यापारियों के इस फैसले से आम जनता को परेशानी हो रही है। लोगों को बिना सब्जी के काम चलाना पड़ रहा है। काठमांडू के स्थानीय व्यापारियों के अनुसार, आलू की कीमतों में वृद्धि के कारण भारत से इनका आयात बंद कर दिया गया है। पिछले महीने तक आलू की कीमत 50 रुपए किलो थी जो अब लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दोगुनी हो गई है।
नेपाल के व्यापारियों के अनुसार सरकार ने पिछले महीने प्याज, आलू और अन्य सब्जियों पर 13 प्रतिशत का मूल्य वर्धित कर (वैट) लगा दिया है। 29 मई को संसद में पेश किए गए वित्त विधेयक में 13 प्रतिशत वैट लगाने की घोषणा की गई थी। नेपाल सरकार के इस फैसले की विपक्षी सांसदों ने आलोचना की है। वहीं वित्त मंत्री प्रकाश शरण महत ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य स्थानीय किसानों की रक्षा करना और आयात में कटौती करना है।
विपक्षियों का कहना है कि नेपाल प्याज के लिए पूरी तरह से भारत पर निर्भर है। ऐसे में वैट को स्थानीय किसानों की सुरक्षा के लिए लागू करने वाली सरकार की बात में कोई दम नहीं है। पहले से ही आसमान छूती महंगाई से जनता बुरी तरह प्रभावित है। इस स्थिति में सरकार का यह कदम कम आय वाले परिवारों को खाद्य असुरक्षा के प्रति संवेदनशील बना देगा और उन लोगों की पीड़ा को बढ़ा देगा।
बता दें कि सरकार द्वारा वैट लागू करने से पहले काठमांडू घाटी भारत से रोजाना 700 से 1,000 टन प्याज का आयात करती थी। इसके अलावा नेपाल भारत से आलू, बैंगन, मटर, लहसुन, बींस और पालक भी आयात करता है। फलों में नेपाल भारत से एवोकैडो, सेब, खुबानी, चेरी, रसभरी, क्रैनबेरी, कीवी और आम का भी आयात होता है।