जयपुर। अफगानी सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों और तहरीक ए तालिबान के आतंकवादियों के बीच जारी भीषण लड़ाई में अब तक चार पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो चुकी है,जबकि कुछ पाकिस्तान सेनिको को बंधक बनाए जाने की आशंका जताई जा रही है। गौरतलब है कि यह वही आतंकवादी संगठन है, जिसे कभी पाकिस्तान की सरपरस्ती हुआ करती थी लेकिन आज यह संगठन पाकिस्तान के लिए गले की हड्डी बन चुका है। अफगानिस्तान की सीमा पर हो रही लड़ाई के बाद पाकिस्तान ने एहतियात के तौर पर तोरखम बॉर्डर को सील कर दिया है।उल्लेखनीय है कि गत वर्ष नवंबर से ही टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जंग छेड़ रखी है।
जिस तालिबान को पाकिस्तान ने पाल-पोसकर बड़ा किया अब वही तालिबान उसके लिए गले की फांस बनता जा रहा है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी की TTP ने पाकिस्तान के खिलाफ खुली जंग छेड़ दी है। अफगानिस्तान से सटे तोरखम बॉर्डर टर्मिनल पर पाकिस्तानी सेना और TTP के बीच भीषण गोलीबारी हो रही है। अब तक पाकिस्तान के 4 सैनिकों की मौत हो चुकी है, वहीं,कई पाक सैनिकों को बंधक बनाने की बात भी सामने आई है एहतियात के तौर पर पाकिस्तान ने तोरखम बॉर्डर को सील कर दिया है।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चित्राल जिले में TTP ने बड़े पैमाने पर पाकिस्तान की सेना के खिलाफ अटैक शुरू कर दिया है तहरीक-ए-तालिबान यानी TTP के एक कमांडर ने अफगानिस्तान की मीडिया को बताया कि उन्होंने पाकिस्तान के कई गांवों पर कब्जा कर लिया है। फिलहाल वह खराब इंटरनेट की समस्या से जूझ रहे हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आ रही अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में भी दावा किया जा रहा है कि डूरंड लाइन पर पाकिस्तान और TTP के लड़ाकों के बीच भीषण गोलीबारी हो रही है ,इसे देखते हुए ही तोरखम बॉर्डर सील कर दी गई है। हालांकि,गांवों पर कब्जे की बात से पाकिस्तान इनकार कर रहा है पाक सेना के अधिकारियों का कहना है कि टीटीपी के लड़ाकों ने पाकिस्तान के किसी भी क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया है।
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शांति की अपील
इधर,TTP के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने बयान जारी कर बॉर्डर क्षेत्र में रहने वाले लोगों से शांत रहने की अपील की है, खुरासानी ने कहा है कि उनकी लड़ाई पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के खिलाफ है। वह आम लोगों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
बता दें कि नवंबर 2022 से ही TTP ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। TTP का कहना है कि वह पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों को हराकर वहां की सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकेगा। इसके बाद तहरीक-ए-तालिबान वहां शरिया कानून का पालन करने वाली सरकार बनाएगा। अपने इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए TTP ने पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान के अंदर कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है।
TTP को अल-कायदा का करीबी माना जाता है। 2 सितंबर को अफगानिस्तान सीमा से लगे कबायली इलाके में PAK सेना ने एक खुफिया ऑपरेशन को अंजाम दिया था। ऑपरेशन का मकसद वहां छिपे TTP लड़ाकों को खत्म करना था, लेकिन इस मुठभेड़ में पाकिस्तानी सेना के एक मेजर और एक सैनिक की ही मौत हो गई थी। इसके ठीक दो दिन पहले खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी के आत्मघाती हमले में 9 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।
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पाकिस्तान कब्जे से इनकार कर रहा
पाकिस्तान अपनी जमीन पर टीटीपी के किसी भी तरह के कब्जे से इनकार कर रहा है। हालांकि, उसने इस मुठभेड़ में 4 सैनिकों की मौत की बात कबूली है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग ISPR ने कहा है कि पाकिस्तान की ओस्ताई सुरक्षा जांच चौकी पर TTP ने हमला किया,जिसमें दो PAK सैनिकों की मौत हो गई,जबकि जंजीरीत जांच चौकी पर भी टीटीपी ने हमले को अंजाम दिया। और वहां भी दो सैनिक मारे गए। इस मुठभेड़ में पाकिस्तान के भी घायल हुए हैं, जिनका चित्राल स्काउट्स अस्पताल में इलाज चल रहा है। पाकिस्तान का दावा है कि उसकी सेना ने गोलीबारी में TTP के 12 लड़ाकों को ढेर कर दिया. बड़ी तादाद में लड़ाके घायल भी हुए है।
टीटीपी के हाथ लगे हाइटेक US हथियार
TTP और PAK सेना की झड़प पर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर का बयान भी आया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो हथियार छोड़े थे, वह अब तहरीक-ए-तालिबान के उग्रवादियों के हाथ लग गए हैं। हाल ही में TTP ने भी वीडियो जारी कर दावा किया था कि उसके पास लेजर और थर्मल इमेजिंग सिस्टम वाली बंदूकें सहित कई हाइटेक हथियार हैं। वहीं, इस मुठभेड़ के कारण बॉर्डर सील होने से दोनों तरफ जरूरत के सामानों से लदे ट्रक खड़े हैं। और बॉर्डर खुलने का इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान-अफगानिस्तान ज्वाइंट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक इन झड़पों से व्यापारियों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बॉर्डर पर खड़े ट्रकों में लदी सब्जियां और फल सड़ने लगे हैं।