जयपुर। पाकिस्तान का एक चौकीदार इंटरनेट पर छा गया है और इसके पीछे का कारण उसकी मूंछे हैं। जी हां, इस चौकीदार का नाम सलाउद्दीन (Salahuddin) है। सलाउद्दीन POK स्थित गिलगिट बाल्टिस्तान के बाल्टिट फोर्ट (Baltit Fort) पर सिक्योरिटी गार्ड के रूप में तैनात है। बाल्टिट फोर्ट पाकिस्तान के करीमाबाद (Karimabad) कस्बे के पास स्थित है। आपको बता दें कि बाल्टिट फोर्ट UNESCO World Heritage की सूची में शामिल है।
विश्व विरासत है बाल्टिट फोर्ट
गिलगिट बाल्टिस्तान में स्थित बाल्टिट फोर्ट (Baltit Fort) विश्व विरोसत में शामिल है। इस वजह से इस फोर्ट को देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। लेकिन, जब उन लोगों की नजर Security Guard Salahuddin पर पड़ती है तो चौंक जाते हैं और फोर्ट के साथ सलाउद्दीन की फोटो जरूर खींचते हैं। इतना ही नहीं बल्कि लोग सलाउद्दी के साथ सेल्फी लेने के लिए आतुर रहते हैं। वहीं, Salahuddin भी बड़ी सादगी के साथ पर्यटकों के साथ अपनी फोटो शूट करवाते हैं।
यह भी पढ़ें: श्रीराम के पुत्र लव ने बसाया था पाकिस्तान का ये शहर, अब ऐसी है मंदिरों की हालत
कमाल की है सलाउद्दीन की मूंछे
पाकिस्तान स्थित बाल्टिट फोर्ट पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड सलाउद्दीन (Security Guard Salahuddin Pakistan) की मूंछे बड़ी कमाल की हैं। उनकी मूंछों की वजह से ही वो लोगों के बीच आकर्षण का कारण बनते हैं। उन्होंने अपनी मूंछो को गजब तरीके से मेंटेन करके रखा है। सलाउद्दीन की लंबी, घनी, काली और तेज तर्रार मूंछे ही लोगों को आकर्षित करती हैं। अपनी मूंछों के कारण ही बाल्टिट फोर्ट पर तैनात सलाउद्दीन मियां (Salahuddin Baltit Fort) काफी पॉपुलर हैं।
यह भी पढ़ें: इस जगह को कहते है ‘उपग्रहों का कब्रिस्तान’, दूर-दूर तक नहीं दिखते इंसान
हुंजा के मीरों का है बाल्टिट फोर्ट
बाल्टिट किला उत्तरी पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में करीमाबाद शहर के पास हुंजा घाटी में स्थित है। इसकी स्थापना 8वीं ईस्वी में की गई थी। साल 2004 में इसको यूनेस्को की विश्व धरोहर अस्थायी सूची में डाला गया है। इस किले को हुंजा के मीरों ने 1945 में छोड़ दिया था।इसी किले पर सलाउद्दीन सिक्योरिटी गार्ड के रूप में तैनात हैं।