खाने को नहीं दाने और अम्मा चली भुनाने, ये कहावत पाकिस्तान की मौजूदा हालात पर बिल्कुल सही साबित हो रही है। , शहबाज शरीफ की सरकार से देश के हालात तो संभल नहीं रहे और वे दुनिया में अपना नाम बनाने में लगे हैं। दरअसल स्वीडन में ईद से ठीक पहले एक युवक ने कुरान को बीच रास्तें में विरोध कर जलाया था। जिसके लिए उसने सरकारी परमिशन भी ली थी। जिसके बाद से ही कई जगहों पर विद्रोह और प्रदर्शन किए जा रहे हैं। जिसमें साथ देते हुए शरीफ सरकार ने भी देश व्यापी प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। ये प्रदर्शन भी ऐसे समय पर है जब पाकिस्तान सरकार कर्ज, भुखमरी और आपसी कलह से गुजर रही है।
यौम ए तकद्दुस ए कुरान
पाकिस्तान सरकार की ओर से कुरान के अपमान के खिलाफ देश में जो प्रदर्शन किया जाना है। उसका नाम उन्होंने यौम ए तकद्दुस ए कुरान रखा है। जिसमें देश में प्रदर्शन किये जाएंगे। यही नहीं सरकार की ओर से संसद का सत्र भी एक दिन पहले ही बुलाए जाने की बात कही है। यह सत्र 6 जुलाई को बुलाए जाने की बात कही गई है।
नीतियों पर भी होगी चर्चा
मुस्लिम धर्म की आस्था का प्रतीक मानी जाने वाली कुरान के अपमान के लिए देश में प्रदर्शन किए जाने है। जिनमें कुरान के अपमान को लेकर राष्ट्रीय नीति बनाए जाने पर भी चर्चा होगी। वहीं विरोध में देश के सभी राजनीतिक दल भाग लेंगे। शरीफ ने अपनी पार्टी मुस्लिम लीग नवाज के कार्यकर्ताओं से भी कहा है कि वे देश में हो रहे आंदोलनों का हिस्सा बनें।
नेता बनने की नहीं गई चाह
पाकिस्तान की ओर से दुनियाभर के देशों से भी अपील की गई है कि वे इस घटना की निंदा करें। दुनिया में तेजी से इस्लामोफोबिया फैलाया जा रहा है। जिससे बचना जरूरी है। पाकिस्तान के साथ कुरान के अपमान का ईरान, इराक, तुर्की, मोरक्को, सउदी अरब में भी कुरान के अपमान पर गुस्सा किया जा रहा है।