Pakistan Military Operation : भारत का सबसे बड़ा दुश्मन देश है अब आतंकियों के लिए ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम (स्थिरता के लिए संकल्प) चला रहा है जिसके लिए उसने अमेरिका से हथियार मांगे है। मिलिट्री द्वारा यह अभियान चलाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आदेश जारी किया है। यह ऑपरेशन चलाकर टीटीपी और दूसरे आतंकियों का सफाया करना है। इस ऑपरेशन को लेकर पीएमओ की तरफ से लॉन्चिंग की घोषणा कर दी गई है। हालांकि, एक बात की वजह से पाकिस्तान की सरकार की मजाक उड़ रही है। क्योंकि यह ऑपरेशन चलाने से पहले पाकिस्तान ने पूरी तैयारियां ही नहीं कीं। इस देश के पास आतंकियों से लड़ने के लिए छोटे हथियार ही नहीं। अब इन हथियारों को लेकर पाकिस्तान ने अमेरिका से मांग की है। यूएस में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान ने कहा कि अज्म-ए-इस्तेहकाम ऑपरेशन की सफलता के लिए उनको छोटे हथियारों और अन्य जरूरी उपकरणों की आवश्यकता है।
पाकिस्तान से आतंकियों का होगा सफाया
पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों के सफाए के लिए यह ऑपरेशन को लॉन्च किया जा रहा है। राजदूत मसूद खान की तरफ से वॉशिंगटन डीसी के विल्सन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया गया। इनकी तरफ से कहा गया कि अज्म-ए-इस्तेहकाम के पीछे का उद्देश्य आतंकियों के नेटवर्क को खत्म कर अमन कायम करना है। इसके लिए पाकिस्तान की सेना को छोटे हथियारों की जरूरत है। खान ने कहा कि यूएसए और पाकिस्तान को एक-दूसरे से संबंध मजबूत करने होंगे। दोनों देशों को खुफिया सहयोग भी बढ़ाने की आवश्यकता है। अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को उन्नत सैन्य उपकरण उपलब्ध कराने होंगे। पाक को नियमित रूप से अमेरिकी उपकरणों की सप्लाई होनी चाहिए। इसकी वजह से क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंक को खत्म करने में सहायता मिलेगी।
इसी सप्ताह शुरू किया ऑपरेशन
राजदूत मसूद ने कहा कि दोनों देशों के बीच किसी भी मामले में अड़चन नहीं आनी चाहिए। पाक और अमेरिका के बीच सुरक्षा समझौतों का अलग ही महत्व है। यूएसए को काबुल में कूटनीतिक वापसी करनी होगी तो पाकिस्तान को भी साझेदार बनाना पड़ेगा। पाकिस्तानी सरकार ने आतंकियों के खात्मे के लिए इसी सप्ताह ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम शुरू करने का ऐलान किया था। क्योंकि आतंकी लगातार कई इलाकों में सेना को निशाना बना रहे हैं।