पाकिस्तान धीरे-धीरे भारत के साथ रिश्ते बनाने की कोशिश में हैं। एक बार फिर से पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने बिना नाम लिए कहा कि हम पड़ोसी से भी बात करना चाहते हैं, जिसके साथ हमने तीन जंग लड़ी। 2 अगस्त को एक बिजनेस समिट के दौरान उन्होनें कहा कि जरूरी ये है कि बहुत गंभीर मुद्दों पर सामने वाला भी उतनी ही गंभीरता से बातचीत करे।
क्यों बढ़ाना चाहता है भारत से नजदीकियां
इस्लामाबाद में ‘पाकिस्तान मिनरल्स समिट’ के दौरान शहबाज शरीफ ने कहा कि हम हर देश के साथ सहयोग करना चाहते हैं। तरक्की करना चाहते हैं। इस दौरान शहबाज ने भारत का नाम लिए बगैर कहा कि हम उस पड़ोसी देश के साथ भी बात करना चाहते हैं जिसके साथ आजादी की तीन जंग लड़ी। इस दौरान शरीफ ने आतंकवाद शब्द से भी परहेज किया। साथ ही यह भी कहा कि पाकिस्तान कभी भी किसी के खिलाफ गलत चीज या किसी साजिश को बढ़ावा नहीं देता।
इस वजह से आई थी खटास
5 अगस्त 2019 को भारत ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और धारा 35-ए हटाकर विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया। इस बात से पाकिस्तान को परेशानी होने लगी थी। उस वक्त तत्कालीन पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा नहीं दिया जाएगा, तब तक पाकिस्तान और भारत के बीच कोई बातचीत नहीं होगी और ना ही कोई कारोबार होगा। इमरान के इस बयान पर भारत ने भी जवाब दिया और कहा कि जब तक आतंकियों पर कार्रवाई नहीं की जाती तब तक बातचीत का सवाल ही नहीं है। तब से लेकर आज तक पाकिस्तान देशभर में भारत के खिलाफ धरने-प्रदर्शन करता रहा है।