Iran and Pakistan इन दिनों एक दूसरे पर हमला बोलकर जंग करने के लिए मजबूर कर रहे है। pakistani army के ईरान के भीतर हवाई हमलों से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों देश एक दूसरे पर हमला बोल रहे हैं और इसी वजह से जंग के आसार बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। इस तनाव का असर दोनों देशों के साझा प्रोजेक्ट और व्यापार पर सबसे ज्यादा देखने को मिल सकता है। इस जंग का असर पाकिस्तान को बर्बादी की तरफ धकेल सकता है और इसी वजह से ईरान के तेवन नरम नहीं ंपड़ रहे है।
यह भी पढ़े: एक महीने में तीसरी बार CM भजनलाल की सुरक्षा में चूक, साजिश या लापरवाही!
gas pipeline
गैस पाइपलाइन परियोजना दोनों देशों का एक अहम प्रोजेक्ट है और इसमें पाकिस्तान को सबसे ज्यादा नुकसान होने का खतरा है। इसी बात को लेकर पाक ने चिंता जताते हुए कहा था कि गैस पाइपलाइन परियोजना को आगे नहीं बढ़ता है तो उसे 17 अरब डॉलर की भारी भरकम रकम जुर्माने के तौर पर देनी होगी। अगर दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ता है ईरान पाकिस्तान को घुटने पर ला सकता है।
पाकिस्तान में कंगाली के हालात
पाकिस्तान की economy पहले ही खत्म होने की कगार पर है और अगर उस पर इतना बड़ा जुर्माना लगा तो उसकी आर्थिक हालात खराब हो जाएंगे। इस डर से पाकिस्तान ज्यादा हमलावर नहीं होता दिख रहा है। ईरान से पाकिस्तान तक प्राकृतिक गैस पहुंचाने के लिए 3 हजार किलोमीटर की एक पाइपलाइन है और जिस पर काम चल रहा है। इसके कारण उसे सस्ता गैस मिलने की उम्मीद है और उसके लिए ये फायदे की बात है।
यह भी पढ़े: रामलला की तस्वीर में छिपे हैं बहुत गहरे राज, जानें इनका पूरा सच
पाकिस्तान के तेवर पड़े नराम
मौजूदा तनाव को देखते हुए पाकिस्तान इसको कम करने की कोशिश करता दिख रहा है। पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार में विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने तुर्की के विदेश मंत्री से कहा है कि वह तनाव को बढ़ाना नहीं चाहता है। पाकिस्तान का मकसद आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाना था और उनकी ईरान को निशाना बनाने का कोई इरादा नहीं है। पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारियों ने तनाव कम करने के प्रयास शुरू कर दिए है।