जयपुर। आर्थिक रूप से कंगाल हो चुके पाकिस्तान पर अब चौतरफा मार पड़ रही है। इतना ही नहीं बल्कि अब खुद पाकिस्तानी भी उस देश के सगे नहीं हो रहे और वहां से भाग रहे हैं। आपको बता दें कि पाकिस्तान अपने इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यहां पर लंबी राजनीतिक अस्थिरता, शासन में सेना का दखल और आर्थिक कुप्रबंधन ने इसे जन्म दिया है। हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल, विदेश में बेहतर आर्थिक संभावनाओं की तलाश में 8 लाख से ज्यादा पाकिस्तानी देश छोड़कर चले गए। साल 2022 में तेजी से बढ़ी महंगाई और पाकिस्तानी मुद्रा में 30 फीसदी की गिरावट ने लाखों शहरी मध्यम वर्गीय लोगों को गरीबी की कगार पर धकेल दिया है।
भयानक बाढ़, महंगाई और गरीबी
पाकिस्तान में पिछले साल आई भयानक बाढ़ ने महंगाई और गरीबी को कई गुना बढ़ा दिया। वर्तमान में पाकिस्तान अपने 'घुटनों पर आ चुका' है। खबरों की मानें तो उसके पास एक महीने से भी कम समय के लिए पर्याप्त विदेशी भंडार बचा है। पाकिस्तान ने हमेशा से निर्यात से जितना कमाया है, उससे कहीं ज्यादा आयात पर खर्च किया है। भले ही पाकिस्तान एक कपास उत्पादक देश है लेकिन उसका कपड़ा उद्योग काफी अविकसित है। द गार्जियन अपनी रिपोर्ट में लिखता है, 'पड़ोसी देश भारत के विपरीत, पाकिस्तान का आईटी क्षेत्र भी विकसित नहीं हुआ है।'
जनसंख्या वृद्धि की उच्चतम दरों वाला देश
पाकिस्तान की 23 करोड़ आबादी में एक-तिहाई 14 साल से कम उम्र की है। पाकिस्तान दुनिया में जनसंख्या वृद्धि की उच्चतम दरों वाला देश है लेकिन वह पर्याप्त रोजगार पैदा करने में सक्षम नहीं है। पड़ोसी मुल्क में आए दिन बदलने वाली सरकारों ने ईंधन, पानी और बिजली पर भारी भरकम और बिना फंड के सब्सिडी दी। लेकिन उनका ध्यान कभी अच्छी शिक्षा, वैकल्पिक ऊर्जा या जनसंख्या नियंत्रण की ओर गया ही नहीं।
टैक्स नहीं देती जनता
पाकिस्तान में टैक्स बेस दुनिया में सबसे कम है। दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना मुल्क में संसाधनों की कमी को और बढ़ाती है। लंदन में रहने वाली पाकिस्तानी लेखिका मोनी मोहसिन ने द गार्जियन के लिए अपने लेख में लिखा, 'विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रही सरकार ने आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। बढ़ती लागत के साथ इसने पाकिस्तान में कई कारोबार बंद कर दिए हैं और लाखों लोगों की नौकरी चली गई है।' रोजगार संकट और आटा, प्याज और तेल जैसी खाने-पीने की चीजों के महंगे दाम पाकिस्तानियों को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं।