जयपुर। केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य एवं कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की मानहानि मामले में 2 साल की सजा के बाद संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में चल रही एक सभा के दौरान मोदी सरनेम को लेकर बडा बयान दिया था। सभा के दौरान उन्होंने कहा कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। जिसे लेकर मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा।
सूरत कोर्ट के फैसले की हाईकोर्ट में करेंगे अपील
राहुल गांधी की टीम अब सूरत कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज कर सकती है। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील को हाईकोर्ट में स्वीकार नहीं किया जाता है तो वह सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी को अपील दायर करने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया था। अभी तक हाईकोर्ट में राहुल की तरफ से अपील नहीं की गई है।
कोलार में रैली के दौरान राहुल ने दिया मोदी सरनेम को लेकर दिया था बयान
कर्नाटक के कोलार में 2019 लोकसभा चुनाव से पहले एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर एक बडा बयान दिया था। उन्होने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी या फिर नरेंद्र मोदी। जिसे लेकर सूरत पश्चिम के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे पूरे समाज को चोर कहा है जिससे हमारे समाज के मान-सम्मान को ठेस पंहुची है। मामले में की जा रही सुनवाई के दौरान राहुल तीन बार कोर्ट में पेश हुए। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था। मामले को लेकर राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। इसके कुछ देर बाद उसी कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी।