जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। PM Modi यूएस के राष्ट्रपति जो बाइडेन के न्योते पर अमेरिका गए हैं। इसके बाद वो लौटते वक्त मिस्र जाएंगे। पीएम मोदी का मिस्र (PM Modi in Egypt) की राजधानी कैरो स्थित अल हाकीम मस्जिद का दौरा भी होगा। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री 24 से 25 जून तक मिस्र की राजकीय यात्रा पर जाएंगे जहां वो दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने तथा कारोबार एवं आर्थिक सहयोग के नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी (Abdel Fattah El Sisi) के निमंत्रण पर यह यात्रा कर रहे हैं। अल-सीसी ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की थी और उसी समय उन्होंने प्रधानमंत्री को मिस्र यात्रा के लिए आमंत्रित किया था। वर्ष 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला मिस्र दौरा होगा।
11वीं सदी की है अल-हाकीम मस्जिद
प्रधानमंत्री मोदी कैरो के जिस अल हाकीम मस्जिद (Al Hakim Mosque) जाएंगे, वह 11वीं सदी का है। छह वर्षों तक चले पुनरुद्धार कार्य के बाद इस शिया मस्जिद को इसी वर्ष फरवरी में दोबारा खोला गया था। इस मस्जिद का पुनरुद्धार करवाने में बोहरा समुदाय का विकास योगदान रहा। मुसलमानों के बोहरा समुदाय का मुख्य निवास भारत है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने इस भारतीय मुस्लिम समुदाय से खासे प्रभावित हैं। वो अतीत में भारत से मिस्र गए दाऊदी बोहरा समुदाय के लोगों का दिल खोलकर स्वागत किया था।
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दाऊदी बोहरा मुसलमानों से है मिस्र के राष्ट्रपति को लगाव
मिस्र के मीडिया के मुताबिक अल-सीसी ने भारत के दाऊदी बोहरा मुसलमानों के खुले विचारों की खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह मुस्लिम समुदाय दूसरे पंथों और धर्मों के प्रति बहुत उदार रवैया रखता है और दुनियाभर के अलग-अलग समुदायों के साथ बातचीत और संपर्क बढ़ाने में विश्वास रखता है। एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि मिस्र के ग्रांड मुफ्ती शॉकी इब्राहिम अब्देल-करीम अल्लाम पिछले महीने ही भारत दौरे पर आए थे।
ये है दाऊदी बोहरा मुसलमानों से पीएम मोदी खास कनेक्शन
दरअसल, दाऊदी-बोहरा समुदाय का मिस्र से और और पीएम मोदी का खास कनेक्शन है। इसी वर्ष फरवरी में पीएम ने मुंबई में इस समुदाय के शैक्षणिक संस्थान अल जामिया-तुस-सैफियाह अरब अकादमी के नए कैंपस का उद्घाटन किया था। उससे पहले भी 2018 में वो इंदौर में बोहरा समुदाय के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। जहां तक बात Dawoodi Dohra Muslim समुदाय के मिस्र से संबंधों की है तो इस समुदाय का भारत में प्रवेश ही मिस्र से माना जाता है। कहा जाता है कि मिस्र से दाऊदी बोहरा समुदाय का एक जत्था 11वीं शताब्दी में भारत आया था।
ये है दाऊदी बोहरा मुसलमानों का मिस्र खास कनेक्शन
आज भारत दाऊदी बोहरा समुदाय के सबसे बड़ा केंद्र है। दुनियाभर में इस समुदाय की करीब 10 लाख आबादी है जिसका सबसे बड़ा हिस्सा भारत में है। गुजरात के सूरत में मस्जिद-ए-मोअज्जम दाउदी बोहरा समुदाय की सबसे बड़ी मस्जिद है। दाऊदी बोहरा समुदाय में शिक्षा पर काफी जोर रहता है और वह मुस्लिमों में सबसे अमीर भी होते हैं। दाऊदी बोहरा समुदाय ने ही मिस्र में अल-अजहर यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी। इसे आज भी दुनिया के सबसे पुराने जीवित विश्वविद्यालयों में गिना जाता है।
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