क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है, आप अनजान जगह पर जा रहे हैं और आपने गूगल लोकेशन से लोकेशन ट्रैकिंग करने को कहा हो?
जी हां, हम अक्सर अनजान शहरों या गलियों में इसी प्रकार गूगल लोकेशन ट्रैकिंग करते हैं। उसके बाद हमें कुछ ऐसे नोटिफिकेशन मिलने लगते हैं जिनसे महसूस होता है कि गूगल हमारी जासूसी कर रहा है। हाल ही में गूगल लोकेशन ट्रैकिंग विवादों में रहा है। बहुत से देशों में इस मुद्दे को लेकर विवाद उठते रहे हैं। यह उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहा है।
हलिया मामला अमेरिका का है। गुरुवार क़ो वाशिंगटन एटॉर्नी जनरल बॉब फर्ग्यूसन ने कहा कि गूगल वॉशिंगटन स्टेट को 39. 9 मिलीयन डॉलर का भुगतान करेगा। गूगल को अमेरिकी राज्य वॉशिंगटन से संबंधित एक वाद में वहां की सरकार को यह जुर्माना देना पड़ेगा। अमेरिकी अदालत ने कहा कि गूगल को चाहिए कि वह अपनी ट्रैकिंग प्रथाओं के बारे में अधिक पारदर्शी हो। साथ ही गूगल को इस पॉलिसी को बताने वाले विस्तृत लोकेशन टेक्नोलॉजी वेब पेज में भी नियम और शर्तों के रूप में दिखाएं।
क्या आपको भी लगता है गूगल आप की लोकेशन ट्रैक करता है?
अल्फाबेट की इकाई गूगल द्वारा उपभोक्ताओं को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है। माना जा रहा है कि यह निपटान समझौता उन दावों का समाधान निकालने की कोशिश करता है। जिसमें यह कहा गया था कि अमेरिकी यूजर्स के मोबाइल फोन और अन्य डिवाइस की लोकेशन ट्रैक की जा रही है। यही नहीं गूगल पर यह भी आरोप लगा है कि उसने लोगों को यह विश्वास दिलाने में धोखा दिया है कि वे उसके द्वारा कंट्रोल्ड है।
प्राइवेसी, ट्रांसपेरेंसी पर सवाल
वाशिंगटन के गवर्नर ने कहा कि गूगल इस डाटा को इकट्ठा करके इससे मुनाफा लेने की फिराक में था। लेकिन बाद में उसने कंज्यूमर्स की प्राइवेसी को वरीयता देते हुए स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर इनकी ट्रैकिंग तकनीको डिसेबल कर दिया।
ऐसा लगता है। जैसे गूगल जैसी दिग्गज कंपनियां अपनी समानांतर सरकार चला रही हो?
इस विषय पर बार-बार सवाल उठते आए हैं। गूगल इससे पहले भी इनमें लिप्त होने से इनकार करता रहा है। वही नवंबर में गूगल 40 अमेरिकी राज्यों द्वारा इसी तरह के आरोपों को हल करने के लिए 391.5 मिलियन डॉलर का भुगतान करने पर सहमत हुए। आपको बता दें, वाशिंगटन सहित कुछ राज्यों ने गूगल की ट्रैकिंग प्राइवेसी पर चिंता जताई थी। उन्होंने गूगल पर जुर्माना कर दिया।
बुधवार को किंग काउंटी सुपीरियर कोर्ट में कहा गया कि गूगल को अपनी ट्रैकिंग प्रणाली में पारदर्शिता लानी चाहिए। इसी को देखते हुए वाशिंगटन अटॉर्नी जनरल ने गूगल पर लगभग 330 करोड रुपए का जुर्माना लगाया है।