Qatar Economy: भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा पर रोक लगाने के बाद अब उन्हें रिहा करने के फैसले से कतर (Qatar) एक बार फिर चर्चा में आ गया है। केवल 27 लाख की आबादी वाला यह छोटा सा देश अपनी अमीरी के लिए दुनिया भर में मशहूर है। जिस देश के नागरिकों को कभी भुखमरी का सामना करना पड़ता था, आज वहां का हर तीसरा आदमी करोड़पति है। कतर की इकोनॉमी (Qatar Economy) दुनिया में सबसे बेहतरीन है। हैल्थ से लेकर पढ़ाई-लिखाई की आला दर्जे की सुविधाओं के साथ ही शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी कतर में मौजूद हैं।
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कतर में कितने हिंदू रहते हैं?
कतर में शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं फ्री है। यहां के नागरिकों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है। इतना ही नहीं साल 2022 में कतर में फीफा फुटबाल वर्ल्ड कप का बेमिसाल आयोजन भी किया जा चुका है। कतर में दुनियाभर से सैलानी आते हैं। 30 लाख आबादी वाले कतर में कुल आबादी का 15 प्रतिशत हिंदू रहते हैं।
कतर की किस्मत कैसे बदली?
कतर में मुस्लिम धर्म के अलावा ईसाई और हिंदू भी रहते हैं। पहले कतर तुर्की का गुलाम था फिर इसके बाद अंग्रेजों ने इस पर राज किया। साल 1971 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद कतर की किस्मत ने पलटी मारी। पहले तेल और फिर प्राकृतिक गैस ने कतर की किस्मत ही बदलकर रख दी। कतर नैचुरल गैस सप्लाई के मामले में पूरी दुनिया में अव्वल नंबर है।
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कतर में सैलेरी क्या है?
कतर में प्रति व्यक्ति आय 62,310 अमेरिकी डॉलर मानी गई है। खाड़ी देशों में कतर 18 मुल्कों में सबसे अमीर देश है। यहां की पूरी आबादी में से मात्र 12 फीसदी लोग ही कतर के मूल निवासी हैं। फौज की बात करें तो महज 90 हजार के आसपास सैन्य क्षमता है।
भारत के साथ रिश्ता क्या है?
वैश्विक स्तर पर भारत और कतर मित्र देश रहे है। हालांकि कतर में फांसी की सजा पाने वाले आठ भारतीय नागरिकों को लेकर काफी समय से कतर से भारत के रिश्तों पर सवाल उठ रहे थे। लेकिन आखिरकार कतर सरकार ने भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया हैं। ये 8 पूर्व नौसैनिक दोहा स्थित अल दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजिज में काम किया करते थे, जिन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था।