Saudi Arabia News : ईद का त्योहार भारत के साथ अरब देशों में भी मनाया जा चुका है। सऊदी अरब में बड़ी मात्रा में भारतीय रहते हैं। केरल से भी बड़ी संख्या में लोग सऊदी अरब रोजगार की तलाश में जाते हैं। लेकिन कई बार भारतीय वहां आपराधिक हादसों में फंस जाते हैं। ऐसे मामलों में परिजनों की गुहार पर सरकार एक्टिव होती है और भारतीय नागरिकों को बचाने की कोशिश की जाती है। लेकिन, इस बार एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। केरल का एक बंदा जो कि सऊदी अरब (Saudi Arabia News) की जेल में पिछले 18 वर्षों से कैद है। इस शख्स को हत्या के एक मामले में मुजरिम करार देते हुए सजा-ए-मौत सुनाई गई है। इसे बचाने के लिए केरल में आम लोगों ने चंदे के जरिये 34 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। ताकि ‘ब्लड मनी’ का भुगतान कर बंदे की रिहाई की जा सके।
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क्या है पूरा मामला ?
सऊदी अरब (Saudi Arabia News) में मौत की सजा पाए केरल के एक व्यक्ति को बचाने के लिए केरल के लोगों ने क्राउड फंडिंग यानी चंदे के जरिये से 34 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कोझिकोड के निवासी अब्दुल रहीम को बचाने के लिए केरल वासियों ने एक मिसाल पेश की है। रहीम को सजा से बचने के लिए ‘ब्लड मनी’ के तौर पर 18 अप्रैल से पहले करीब 34 करोड़ रुपये का भुगतान करना जरूरी है।
क्या होती है ब्लड मनी ?
‘ब्लड मनी’ का मतलब है कि सजा से बचने के लिए पीड़ित के परिवार को धन का भुगतान करना होता है। सऊदी अरब (Saudi Arabia News) में शरीयत का कानून लागू है। मुस्लिम कानून के तहत मुजरिम को पीड़ित परिवार को ब्लड मनी देनी होती है तब जाकर उसे रिहाई मिल पाती है। ऐसे में रहीम को बचाने के लिए केरल के लोगों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया है।
18 साल से हवालात में बंद
रहीम पर साल 2006 में सऊदी अरब (Saudi Arabia News) में एक लड़के की हत्या के आरोप में मुकदमा चला और तब से वह 18 साल से जेल में बंद है। लोकल लोगों ने बताया कि दिव्यांग लड़के की दुर्घटनावश मृत्यु के बाद रहीम पर केस चलाया गया। मृत लड़के के परिवार द्वारा माफी देने से इनकार करने के बाद 2018 में रहीम को मौत की सजा सुनाई गई थी। तब से चंदे की राशि जुटायी जा रही है।
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अमीर से लेकर आम आदमी ने की मदद
रहीम के लिए बनी एक्शन कमेटी के सदस्यों ने बताया कि शीर्ष अदालतों ने रहीम की रिहाई की सभी अपीलों को खारिज कर दिया था, लेकिन बाद में परिवार ने ब्लड मनी के बदले उसे रिहा करने पर मंजूरी दे दी। इसके बाद रियाद की 75 संस्थाओं, केरल के बिजनेसमैन, कई राजनीतिक संस्थाओं और आम लोगों ने मिलकर पैसा जमा करने में मदद की। फिल्मी केरल स्टोरी के बजाय ये वाली रियल केरल स्टोरी (Saudi Arabia News) के ऊपर मूवी बननी चाहिए।