Shab-e-Barat in Qatar in 2024: मुसलमानों के लिए पवित्र शाबान का महीना चल रहा है। इसी पाक महीने की 15वी रात को गुनाहों की माफी के लिए शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2024) का पर्व मनाया जाता है। भारत में तो इस दिन हलवा और मीठे पकवान बनाये जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अरब देशों में शब-ए-बारात का त्योहार (Shab-e-Barat in Qatar in 2024) काफी अलग अंदाज में मनाया जाता है। कतर में किस तरह से यह पर्व मनाया जाता है यही हम आपको बताने वाले हैं।
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कतर में ऐसे मनेगी शब-ए-बारात?
शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2024) शाबान की 15वी रात में मनाया जाता है। चूंकि भारत से एक दिन पहले खाड़ी देशों में चांद नजर आ जाता है, इसीलिए कतर और दुबई में शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2024) का त्योहार 24 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन कतर के शेख रातभर जागकर इबादत करते हैं। साथ ही हलवे और मिठाई की जगह अरब की मशहूर डिशेज बनाते हैं। गरीबों को खाना खिलाते हैं। साथ ही कतर में इस दिन रोजा भी रखा जाता है।
आ रहा है रमजान 2024
शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2024) का त्योहार भारत में 25 फरवरी की रात को मनाया जाएगा। वही रमजान का महीना भी इसके बाद आने वाला है। शाबान के बाद अगला मुस्लिम महीना रमजान का ही होता है। इस साल 11 या 12 मार्च 2024 को रमजान का महीना शुरू हो जाएंगे। मुस्लिम बंधु 30 या 29 दिन के रोजे रखकर इस पाक महीने में गुनाहों से पाक हो जाते हैं।
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भारत में शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2024)
भारत में शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2024) का पर्व काफी खुशी के साथ 25 फरवरी को मनाया जाएगा। दिन में हलवा और मीठे पकवान बनाकर गरीबों और रिश्तेदारों को खिलाया जाएगा, वही रात को मस्जिदों और कब्रिस्तानों में रौशनी करके मरहूम लोगों को बख्शा जाएगा। इस मुकद्दस रात में गुनाहों की माफी मांगी जाती है। कहा जाता है कि शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2024) की रात में अल्लाह सबके गुनाह माफ कर देते हैं। शाबान के महीने में ही अजमेर वाले ख्वाजा साहब के बड़े साहबजादे ख्वाजा फखर सरवाड़ शरीफ का उर्स भी भरा जाता है।
शब-ए-बारात का मतलब?
शब का मतलब है रात और बारात के मानी है गुनाहों से बरी होना, यानी इस रात में मुस्लिम भाई रातभर जागकर खुदा की इबादत करके अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ बदनसीब लोग ऐसे भी होते हैं, जिनको अल्लाह तआला शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2024) में भी माफ नही फरमाते हैं। जो लोग दूसरों का दिल दुखाते हैं या मां बाप को परेशान करते हैं। उनकी मगफिरत इस पाक रात में भी नहीं होती हैं।