जयपुर। Srebrenica Genocide : एक ही झटके में 8000 मुस्लिमों को मौत के घाट उतारे जाने की खबर से पूरी दुनिया में सनसनी मच गई। यह नरसंहार सर्बिया में हुआ जिसको Operation Krivaja 95 नाम से कमांडर राट्को म्लाडिक (Ratko Mladic) ने अंजाम दिया। अब संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) में द्वारा ‘सर्बिया नरसंहार दिवस’ घोषित किए जाने का प्रस्ताव लाया गया है। इस प्रस्ताव के अनुसार 11 जुलाई को यह दिवस घोषित किया जाना है। यूएन की तरफ से इसें The International Day of Reflection and Remembrance of the 1995 Srebrenica Genocide नाम दिया गया है। इस प्रस्ताव का दुनिया के 15 देशों ने समर्थन दिया है परंतु रूस और सर्बिया जैसे इसके विरूद्ध अड़ गए हैं।
मुस्लिमों के नरसंहार का ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि सर्बिया में मुस्लिमों का नरसंहार (Muslims Genocide) 11 जुलाई 1995 को शुरू हुआ था। हालांकि, इसकी इसकी नींव 1992 में ही रख दी गई थी जब यूगोस्लाविया के विखंडन के बाद झगड़ा शुरू हुआ। क्योंकि बोस्निया में रह रहे मुस्लिमों व क्रोएशिया के लोगों ने अलग देश की मांग की और वोटिंग में हिस्सा लिया। वहीं, सर्बिया ने स्वयं को एक अलग देश घोषित कर दिया। यहां से ही लड़ाई शुरू हो गई।
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स्रेब्रेनिका पर कब्जे की लड़ाई
सन् 1992 के शुरू में बोस्निया सर्ब फोर्सेज ने पूर्वी बोस्निया और हर्जेगोविना क्षेत्र के एक इलाके पर कब्जा करने के लिए अभियान शुरू कर दिया जिसको स्रेब्रेनिका कहा जाता है। यह मुस्लिम बहुल इलाका था जिसें सर्बिया हर कीमत पर हासिल करना चाहता था। इसको लेकर बोस्निया सर्ब फोर्सेज को लगा कि इस क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए वहां रह रहे बोस्नियाई नागरिकों को हटाना जरूरी है, क्योंकि वो भी कब्जे का विरोध कर रहे थे। इसके बाद 1995 में बोस्निया गणराज्य के राष्ट्रपति राडोवन कराडज़िक ने सेना को आदेश दिया कि वो स्रेब्रेनिका में ऐसा माहौल बना दे कि वहां के नागरिक खुद ही भाग जाएं। इसके बाद बोस्निया सर्ब फोर्सेज ने इलाके को घेर लिया।
ऑपरेशन Krivaja 95 हुआ शुरू
इसके बाद स्रेब्रेनिका में खाने-पीने की चीजों की आपूर्ति पर पाबंदी लगा दी गई जिसके तहत बिजली, पानी जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई काट दी गई। ऐसा होते ही सभी लोग वहां से चले गए, लेकिन कुछ बोस्नियाक लड़ाके वहीं रह गए। क्योंकि बोस्निया सर्ब फोर्सेज से युद्ध करने का फैसला कर लिया था। फिर क्या था बोस्निया सर्ब फोर्सेज ने स्रेब्रेनिका को कब्जे में लेने के लिए जबरदस्त ऑपरेशन शुरू किया जिसको ऑपरेशन Krivaja 95 नाम दिया गया जिसका कमांडर राट्को म्लाडिक (Ratko Mladić) था।
11 जुलाई को हुआ नरसंहार
11 जुलाई को रात को कमांडर राट्को की अगुवाई में बोस्निया सर्ब फोर्सेज के लगभग 10000 सैनिक स्रेब्रेनिका में घुस गए। उन सैनिकों ने यूएन की ड्रेस पहन रखी थी जिन्होंने नागरिकों से कहा कि वो उनकी सुरक्षा के लिए आए हैं। उनसे सरेंडर करने के लिए कहा और हथियार आदि ले लिए और बंधक बना लिया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक 12 और 13 जुलाई को खतरनाक तरीके से हत्याएं हुई जिस दौरान नौजवानों की आंख पर पट्टी बांध दी गई और उन्हें प्वाइंट ब्लैक से गोली मारी गई। इस घटना में 8200 से अधिक नागरिक मारे गए जिसमें 8000 से अधिक मुस्लिम थे।
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