जयपुर। भारत समेत दुनिया के कई देशों को आंख दिखाने वाला चीन अब एक छोटे से देश से कांपेगा. यह देश कोई और नहीं बल्कि ताइवान है जिस पर कब्जा करने की चीन हमेशा कोशिश करता रहता है. लेकिन अब इस छोटे से देश ने ऐसे हथियार बना लिए हैं जिनकी बदौलत अब चीन उसकी तरफ आंख उठाने से पहले 100 बार सोचेगा. दरअसल, ताइवान राज्य के स्वामित्व वाले एक सैन्य हथियार डेवलपर ने 5 नए प्रकार के स्वदेशी सैन्य ड्रोन्स का प्रदर्शन किया है. यह स्व-शासित द्वीप चीन की तरफ से बढ़ते सैन्य खतरे के खिलाफ अपनी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाना चाहता है.
कुल 8 प्रकार के हथियार
नेशनल चुंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में ताइवान के हथियार डेवलपर ने आठ प्रकार के स्थानीय रूप से विकसित मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) प्रदर्शित किए – जिनमें वे पांच मॉडल भी शामिल हैं जो पहली बार जनता को दिखाए गए थे.
इतनी पावरफुल हुई ताइवानी सेना
खबर है कि नए ड्रोन विभिन्न साइज के हैं और युद्ध या निगरानी क्षमताओं से लैस हैं,. संस्थान के वैमानिकी प्रणाली अनुसंधान प्रभाग के निदेशक एरिक ची ने कहा, कहा कि उपकरणों को ताइवान की सेना की विभिन्न शाखाओं द्वारा उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है.
चीन का जवाब
चीन ने कहा, ‘नए वैश्विक युद्ध के रुझानों के जवाब में, हमारी सेना सक्रिय रूप से असममित युद्ध क्षमताओं का निर्माण कर रही है.‘ उन्होंने कहा कि संस्था ‘रक्षा आत्मनिर्भरता की राष्ट्रीय नीति को पूरी तरह से लागू करने के लिए’ मुख्य तकनीकों को विकसित करने के लिए काम कर रही है.
चीन जताता है ताइवान पर अपना दावा
नए हथियारों का प्रदर्शन ऐसे समय में किया गया है जब चीन के कम्युनिस्ट नेतृत्व ने ताइवान पर अपना दावा तेज कर दिया है. बता दें ताइवान चीन के तट पर एक द्वीप है जो स्वतंत्रता का दावा करता है, लेकिन चीन का कहना है कि यह केवल एक अलग हुआ प्रांत है जिस पर वह फिर नियंत्रण हासिल करना चाहता है.
चीन ने तेज की सैन्य गतिविधियां
चीन ने ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग की संभावना को कभी भी स्पष्ट रूप से खारिज नहीं किया है. चीन ने हाल ही में ताइवान की आपत्तियों के बावजूद लोकतांत्रिक रूप से शासित द्वीप के पास सैन्य गतिविधि तेज कर दी है ताकि उसे चीनी संप्रभुता स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जा सके.
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