जयपुर। Whatsapp पर अल्लाह अपमान करना कितना भारी पड़ सकता है इसका ताजा उदाहरण हाल ही में सामने आया है। ईश निंदा की वजह से एक मुस्लिम व्यक्ति को हाल ही में फांसी की सजा सुनाई गई है. इतना ही नहीं बल्कि अब 774 मुस्लिम और दूसरे धर्म के 760 लोगों का भी मौत इंतजार कर रही है. यानि कुल मिलाकर 1534 लोगों सिर्फ इसलिए मौत की सजा दी जा रही है क्योंकि उन्होंने अल्लाह के खिलाफ व्हाट्सएप पर कुछ लिख दिया था. हालांकि, इसमें राहत वाली बात ये है कि यह सजा भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान में दी जाएगी.
चीन आया भारत और रूस की दोस्ती के बीच, पड़ सकती है दोनों देशों के बीच दरार
पाकिस्तान में ईशनिंदा का कानून सख्त
आपको बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा का कानून कुछ ऐसा ही है जहां ईशनिंदा के दोषियों को सीधे मौत की सजा दी जाती है. इसी कड़ी में एक और मामला हाल ही में सामने आया है जहां एक शख्स ने व्हाट्सएप पर कुछ ऐसा लिख दिया कि उसे मौत की सजा सुना दी गई है.
राहुल के समर्थन में कांग्रेस ने डरो मत कैंपेन किया शुरु
साबित हुए ईशनिंदा के आरोप
यह चौंकाने वाली घटना पाकिस्तान के पेशावर की है. यहां की एक अदालत ने एक शख्स को हाल ही में मौत की सजा सुनाई है. उस पर ईशनिंदा के आरोप साबित हुए हैं और उसे दोषी पाया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पेशावर की एक अदालत ने आदेश में कहा कि हिरासत में सैयद जकाउल्लाह के बेटे सैयद मुहम्मद जीशान को दोषी ठहराया गया. जीशान मर्दन शहर के निवासी हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की खत्म हुई संसद सदस्यता
कर दिया गया दोषी साबित
आपको बता दें कि इस आरोपी शख्स पर जुर्माना भी लगाया गया है. सईद के वकील इबरार हुसैन ने बताया कि पंजाब प्रांत के तालागंग निवासी मुहम्मद सईद ने दो साल पहले संघीय जांच एजेंसी के पास एक आवेदन दायर किया था, जिसमें जीशान पर एक व्हाट्सएप ग्रुप में ईशनिंदा सामग्री पोस्ट करने का आरोप लगाया गया था. बाद में फोरेंसिक जांच ने उसे दोषी साबित कर दिया.
1534 और कर रहे मौत का इंतजार
इतना ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में एक मानवाधिकार और कानूनी सहायता समूह राष्ट्रीय न्याय और शांति आयोग के अनुसार पिछले 20 सालों में 774 मुसलमानों और विभिन्न अल्पसंख्यक धार्मिक समूहों के 760 सदस्यों पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था. इनमें से जिन पर भी आरोप सिद्ध हुए हैं, उन्हें सजा सुनाई जा चुकी है.