अंतरिक्ष को साधने की तैयारी।
कौन है ,चीन का नया रक्षा मंत्री?
भारत का पड़ोसी देश चीन जिसमें तीसरी बार फिर से शी जिनपिंग राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार बनकर शपथ ग्रहण कर चुके हैं। निर्विरोध तीसरी बार चुने जाने के बाद जिनपिंग के तेवर अब और भी तीखे हो गए हैं ।अमेरिकी प्रतिबंधों का अब उस पर कोई असर नहीं। वैसे तो चीन से खबरें बाहर निकलना बहुत टेढ़ी खीर है। फिर भी कुछ महत्वपूर्ण खबरें बाहर निकलती ही हैं। जो अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होती है। इसी का एक और उदाहरण 12 मार्च को देखने को मिला ।जब चीन ने अपने सेना के उस जनरल को देश का नया रक्षा मंत्री बनाया ।जिस पर अमेरिका ने बैन लगाया था।
कौन है वह।
यह चेहरा नया नहीं है । इसने चीन की एयरोस्पेस में शानदार भूमिका निभाई थी ।यह है जनरल ली शा॑गफू ,चीन के एयरोस्पेस इंजीनियर और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जनरल ,2018 में जिन पर प्रतिबंध लगाया गया था। उस समय शागफू ने रूस के su-35 लड़ाकू विमान और एस 400 मिसाइल सिस्टम खरीदने में अहम भूमिका निभाई थी। गफू के कार्यकाल के दौरान ही चीन ने अपनी एंटी सैटलाइट मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया था।
चीन की रक्षा आधुनिकीकरण कार्यक्रम की कमान अब उन्हीं के हाथ में होगी।
मनमानी चरम पर।
नाम मात्र की लोकतांत्रिक सरकार एक रबड़ स्टैंप सरकार नेशनल पीपुल्स कांग्रेस ने जनरल ली शागफू को नए रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया । जिन पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया था। ऐसा लगता है ।अब अमेरिका का प्रतिबंध इन पर कोई असर नहीं करता ।यही कारण है कि वहां रक्षा मंत्री बदला गया।अब वे वेई फेंग का स्थान लेंगे। 65 वर्ष की शागफू चीनी सैन्य अफसर के रूप में चीन को सशक्त और मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे। चीन लगातार अपनी सामरिक शक्ति के साथ-साथ अंतरिक्ष शक्ति में भी वृद्धि कर रहा है ।इसी कड़ी में वह अपना रक्षा बजट दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।
अंतरिक्ष अनुसंधान में भी वह अग्रणीय भूमिका निभा रहा है। कभी चांद तो कभी मंगल पर लगातार सेटेलाइट भेज रहा है। तो कभी तिरानवेन मिशन लांच कर रहा है। इसके अलावा हाल ही में अमेरिका में देखा गया जासूसी गुब्बारा ।जिसे अमेरिका ने ध्वस्त किया। उसे हम कैसे भूल सकते हैं?