वर्ल्ड एड्स दिवस क्यों मनाया जाता है? यह सवाल हर साल 1 दिसंबर को प्रत्येक व्यक्ति के मन में आता है। ऐसे में हम आपको World Aids Day पर एड्स जुड़े हर सवाल का जवाब दे रहे हैं। आपको बता 1988 से हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इसके पीछे का सबसे बड़ा मकसद HIV संक्रमण के प्रसार के कारण होने वाली एड्स महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस बीमारी से मरने वाले लोगों के प्रति शोक व्यक्त करना है।
एड्स का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम है। यह एक तरह के विषाणु है जिसका नाम HIV है। यदि किसी को HIV है तो ये जरुरी नहीं की उसको एड्स भी है।
फ्रांस के वायरोलाजिस्ट Luc Montagnier ने एड्स बीमारी के कारण एचआइवी वायरस की खोज की थी। इसके लिए उन्हें साल 2008 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
एड्स वर्तमान समय की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है यानी यह एक महामारी है। एड्स के संक्रमण के 3 मुख्य कारण हैं – असुरक्षित यौन संबंध, रक्त के आदान-प्रदान तथा माँ से शिशु में संक्रमण।
एड्स का पहला मामला गैटन दुगास नामक व्यक्ति में मिला था। गैटन एक कैनेडियन फ्लाइट अटेंडेंट थे। उन्होंने अमेरिका के कई लोगों को संक्रमित करने के लिए जानबूझकर संबंध बनाए थे।
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आमतौर पर लोग एचआईवी और एड्स को एक ही समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। क्योंकि दोनों की इनकी स्थितियों में फर्क होता है। यह जरूरी नहीं की हर एचआईवी पॉजिटिव को एड्स हो। लेकिन एड्स हमेशा एचआईवी पॉजिटिव को ही होता है।
डॉक्टरों के मुताबिक मुंह में सफेद चकत्तेदार धब्बे उभरना, शरीर से अधिक पसीना निकलना, बार-बार थकान होना, अचानक से वजन घटना, तेज बुखार रहना, बार-बार दस्त लगना, लगातार खांसी रहना, गले, जांघों और बगलों की लसिका ग्रंथियों की सूजन से गांठें होना, बॉडी खुजली और जलन होना, निमोनिया, टीबी, ठंड लगना, रात को पसीना, ज्वाइंट पेन आदि एड्स होने के लक्षण हैं।
पुरुषों में एचआईवी के लक्षण में सेक्स ड्राइव में कमी, लिंग पर घाव पड़ना और पेशाब करते समय दर्द या जलन आदि हैं।
एड्स का विषाणु प्रमुख रूप से बॉडी को बाहरी रोगों से सुरक्षा प्रदान करने वाले रक्त में मौजूद टी कोशिकाओं और मस्तिष्क की कोशिकाओं को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे उन्हे नष्ट करता है। कुछ वर्षो बाद यह स्थिति हो जाती है कि शरीर आम रोगों के कीटाणुओं से अपना बचाव नहीं कर पाता और तरह-तरह का संक्रमण हो जाता है।
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एचआईवी की शुरूआत एक एक्यूट इन्फेक्शन है जो HIV के संपर्क में आने के 2 से 4 सप्ताह बाद सामने आता है।
फिलहाल एचआईवी एड्स की कोई कारगर दवा विकसित नहीं हुई है, लेकिन कुछ सावधानियां बरत कर ही इसमें लाभ प्राप्त किया जात सकता है।
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