पर्यावरण सरंक्षण को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए हर साल एक नई थीम के साथ 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1972 में हुई महासभा के दौरान इसे मनाने का फैसला लिया था जो आज तक चला आ रहा है। व्यक्ति किसी न किसी रुप में ना चाहते हुए भी प्लास्टिक कणों का सेवन कर लेता है। प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग पर लगाम लगाने के लिए इस बार संयुक्त राष्ट्र ने इसी से संबधित थीम रखी है।
पर्यावरण दिवस 2023 की थीम
संयुक्त राष्ट्र की ओर से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस के लिए विशेष थीम की घोषणा की जाती है। इस साल के लिए थीम बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन (Beat Plastic Pollution) घोषित किया गया है, जो कि प्लास्टिक कचरे के निपटारे के समाधान खोजने पर जोर देता है। वर्ष 2022 में 'सिर्फ एक पृथ्वी' थीम थी।
प्रकृति को बचाने के लिए जागरुक होना जरुरी
हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को प्रकृति से जोड़ सके। लोगों के प्रकृति से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरुक किया जा सके साथ ही इसके समाधान के कोई ठोस कदम उठाए जा सके। दुनिया में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है जिससे प्रकृति पर खतरा मंडराने लगा है। इसे रोकने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई। ताकि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के साथ प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
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बता दें कि हर साल विश्व में 400 मिलिटन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है। इनमें से सिर्फ 10 फीसदी की ही रिसाइकिलिंग हो पाती है। बाकी बचे प्लास्टिक कचरे को हर साल तालाबों, नदियों और समुद्र में डाल दिया जाता है। प्लास्टिक सूक्ष्म कण (5 मिमी व्यास तक) किसी न किसी रूप में हमारे भोजन, पानी और हवा में घुले होते हैं। संयुक्त राष्ट के मुताबिक हर व्यक्ति 50,000 प्लास्टिक कणों का हर साल किसी न किसी रूप में न चाहते हुए भी सेवन कर लेता है।